नजीब जंग के साथ दिल्ली सरकार के टकराव को लेकर आज राष्ट्रपति से मिलेंगे केजरीवाल

नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे और इस मुलाकात के दौरान वह नौकरशाहों की नियुक्ति जैसे मुद्दों तथा उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा अन्य ‘‘एकतरफा कार्रवाई’’ के मुद्दों को उठायेंगे. केजरीवाल के कार्यालय ने कहा कि यह बैठक मंगलवार को छह बजे शाम में होगी. शनिवार को, राष्ट्रीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2015 7:42 AM
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नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे और इस मुलाकात के दौरान वह नौकरशाहों की नियुक्ति जैसे मुद्दों तथा उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा अन्य ‘‘एकतरफा कार्रवाई’’ के मुद्दों को उठायेंगे. केजरीवाल के कार्यालय ने कहा कि यह बैठक मंगलवार को छह बजे शाम में होगी. शनिवार को, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कार्यवाहक मुख्य सचिव के रुप में शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति को लेकर उपराज्यपाल के साथ अपने विवाद के बाद मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगा था.

सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल राष्ट्रपति के साथ अपनी इस मुलाकात के दौरान नौकरशाहों के स्थानांतरण एवं पदस्थापन सहित चुनी हुई सरकार की राय को नजरअंदाज कर उपराज्यपाल द्वारा लिये गये सभी ‘‘एकतरफा फैसलों’’ को सामने रखेंगे. सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल उपराज्यपाल के कार्यालय की भूमिका और क्षेत्रधिकार पर भी चर्चा करेंगे. कार्यवाहक मुख्य सचिव के तौर पर शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति के मुद्दे को लेकर उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी की सरकार के बीच टकराव खुलकर सामने आ गया है.

यादव, भूषण के समूह ने दिल्ली सरकार का समर्थन किया

आप के निष्कासित नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण द्वारा गठित समूह स्वराज अभियान ने दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच नियुक्तियों को लेकर जारी विवाद में दिल्ली सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित एक सरकार की पसंद का सम्मान किया जाना चाहिए. स्वराज अभियान ने हालांकि ‘तुच्छ’ राजनीतिक लडाई में नौकरशाही को घसीटने की निंदा की.

समूह ने एक बयान में कहा कि सैद्धांतिक रुप से स्वराज अभियान का मानना है कि दिल्ली के उपराज्यपाल को लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार के फैसले का सम्मान करना चाहिए, लेकिन व्यक्तिगत आरोपों की राजनीति, अस्थिरता और तुच्छ राजनीतिक लडाइयों में नौकरशाही को घसीटना दुर्भाग्यपूर्ण है. समूह ने कहा, ‘‘स्वराज अभियान इसकी निंदा करता है और मानता है कि इस तरह की संस्कृति लोकतंत्र की सेहत के लिए सुखद नहीं है.’’ समूह ने दिल्ली के पूर्व राज्य के दर्जे पर आप के रुख का भी समर्थन किया.

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