व्यापमं घोटाला : हाइकोर्ट ने सीबीआइ जांच पर सुनवाई टाली, सुप्रीम कोर्ट आज करेगा फैसला

जबलपुर/नयी दिल्ली : मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने बुधवार को व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपने संबंधी राज्य सरकार के अनुरोध पर सुनवाई 20 जुलाई तक स्थगित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को इसी मामले पर सुनवाई करेगा. मुख्य न्यायाधीश एएम खानविलकर और जस्टिस आलोक अराधे की पीठ ने कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2015 6:48 AM
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जबलपुर/नयी दिल्ली : मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने बुधवार को व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपने संबंधी राज्य सरकार के अनुरोध पर सुनवाई 20 जुलाई तक स्थगित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को इसी मामले पर सुनवाई करेगा. मुख्य न्यायाधीश एएम खानविलकर और जस्टिस आलोक अराधे की पीठ ने कहा कि इसी तरह की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में भी दायर की गयी है. इसलिए इस बारे में फैसला सुप्रीम कोर्ट ही करेगा.

हालांकि, अतिरिक्त महाधिवक्ता पी कौरव ने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस का विशेष कार्य बल (एसटीएफ) प्रभावी तरीके से घोटाले की जांच कर रहा है, लेकिन हाल ही में घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की वजह से सरकार सीबीआइ जांच चाहती है. ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और तीन व्हिसलब्लोअरों आशीष चतुर्वेदी, डॉ आनंद राय और प्रशांत पांडेय की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में नौ जुलाई को सुनवाई होनी है.

इस बीच, मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव को घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर हटाने की मांग करते हुए भी याचिकाएं दाखिल की गयी. हाइकोर्ट की निगरानी में मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने मामले में यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन उन्हें हाइकोर्ट से राहत मिल गयी, जिसने कहा कि जब तक वह संवैधानिक पद पर हैं, उनके खिलाफ आपराधिक केस शुरू नहीं हो सकता.

वहीं, भाजपा नेताओं से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में सीबीआइ जांच के लिए अनुरोध करेगी, लेकिन उन्होंने अपने इस्तीफे की संभावना को एक तरह से खारिज कर दिया. कहा कि जब मध्य प्रदेश हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपने के लिए याचिकाएं दाखिल की गयीं थीं, तो दोनों माननीय अदालतों ने कहा था कि एसटीएफ की जांच सही है, कई प्रभावशाली लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिस दिन से हाइकोर्ट ने एसटीएफ की दिन-प्रतिदिन आधार पर की जा रही जांच पर निगरानी के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में एसआइटी का गठन किया है, तब से राज्य सरकार को जांच से कोई लेना-देना नहीं है.

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