तिवारी ने पूछा कि सुषमा स्वराज रिहाई का सारा श्रेय ले रही हैं, तो क्या भारत आईएस के साथ कोई बिजनेस कर रहा है. तिवारी ने आगे कहा कि लगता है कि विदेश मंत्रालय हॉटलाइन के जरिये आईएस से बात कर रहा है. आतंकी संगठन आईएस ने त्रिपोली और ट्यूनिस से भारत लौट रहे चार भारतीय शिक्षकों का लीबिया में अपहरण कर लिया था.
सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी थी. हालांकि, शाम तक दो भारतीय छुड़ा लिए गये और दो को आजाद कराने की कोशिशें चल रही हैं. मंत्रालय की ओर से इस बात की पुष्टि की गयी. इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने बताया था कि अगवा किए गए दो अध्यापक हैदराबाद के हैं और दो बंगलुरु के थे.
क्या कहा था सुषमा स्वराज ने
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, लीबिया में अपहृत चार भारतीयों में से दो लक्ष्मीकांत और विजय कुमार की हमने सुरक्षित रिहाई करा ली है. दो अन्य के लिए प्रयास जारी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा कि दो भारतीयों को सुरक्षित तरीके से सिर्ते विश्वविद्यालय लाया गया है और शेष दो लोगों के लिए प्रयास जारी है. बहरहाल यह पता नहीं चल सका है कि कैसे उनकी रिहाई कराई गई.
सुषमा ने कई भारतीय नर्सों के वापस यमन जाने पर चिंता जताई जहां स्थिति सामान्य नहीं है. उन्होंने ट्वीट किया, यमन से कई भारतीय नर्सों को बाहर निकाला गया जो फिर वापस जा रही हैं. यह चिंता की बात है. स्थिति सामान्य नहीं है और वहां हमारा दूतावास नहीं है. इस बीच आंध्रप्रदेश की सरकार ने सुषमा से आग्रह किया कि भारतीयों की सुरक्षित रिहाई के लिए तेजी से कदम उठाए जाएं. दिल्ली में राज्य सरकार के विशेष प्रतिनिधि के.
राममोहन राव ने सुषमा को लिखे पत्र में कहा कि दो प्रोफेसर आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम के बलराम और तेलंगाना के हैदराबाद के गोपीकृष्ण सहित चार लोगों का 29 जुलाई को अपहरण किया गया और अज्ञात समूह ने उन्हें बंधक बनाया हुआ है.