कुछ राज्यों में कट्टरपंथ के मामले सामने आने के मद्देनजर ऐसे युवकों और उनके परिजन की काउंसिलिंग सहित इससे लड़ने को लेकर कदम उठाने पर भी चर्चा हुई. साथ ही आतंकवादियों और अपराधी संगठनों की तरफ से चलाये जा रहे संदिग्ध सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के विेषण के तौर-तरीकों पर भी गौर किया गया. हाल में तेलंगाना में 17 युवकों को सीरिया जाने से रोका गया. महाराष्ट्र में भी चार युवकों को पश्चिम एशिया जाने से रोका गया. वैसे महाराष्ट्र और तेलंगाना में आइएसआइएस संबंधी मामलों को देखने के लिए एक प्रारूप बना है.
बैठक में जम्मू-कश्मीर, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, असम, पंजाब, पश्चिम बंगाल और दिल्ली (पुलिस आयुक्त) सहित एक दर्जन राज्यों के डीजीपी और गृह सचिव या उनके प्रतिनिधि शामिल हुए. इस दौरान इससे संबंधित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
अब तक देश भर में 25 युवकों की पहचान !
सरकार भारतीय युवकों को कट्टर बनने से रोकने के लिए हम ठोस व्यवस्था बनाने की प्रक्रिया में हैं. एक आधिकारिक अनुमान के मुताबिक देश भर में करीब 25 युवकों की पहचान की गयी है, जो आइएसआइएस की विचारधारा से प्रभावित हैं और समूह में शामिल होना चाहते हैं.
सोशल मीडिया की खास निगरानी
सोशल मीडिया की निगरानी शुरू हो चुकी है और मुसलिम समुदाय का विश्वास हासिल करने के प्रयास किये जायेंगे. अभी तक 11 भारतीयों की पहचान हुई है जो आइएसआइएस में शामिल हुए हैं जिनमें पांच के मरने की खबर है.
चरमपंथ रोकने के लिए सरकार के प्रयास
चरमपंथ विरोधी प्रयास में शामिल युवाओं की बेहतर काउंसिलिंग
समुदाय के बुजुर्ग सदस्यों द्वारा युवा पीढ़ी को ऐसे विचारों से दूर रहने के लिए मनाया जाना
आइएस जैसे समूहों में शामिल होने की योजना बना रहे युवाओं के बारे में त्वरित सूचना और निर्णय
भारतीय युवकों को चरमपंथी विचारधारा से प्रभावित होने से कैसे बचाया जाये