क्या फांसी में भी आरक्षण चाहिए : नायडू

नयी दिल्ली : संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज कुछ वर्गों में आतंकवाद के मामलों को धर्म के चश्मे से देखने की प्रवृत्ति की निंदा करते हुए कहा कि क्या वे फांसी में भी आरक्षण चाहते हैं.... भाजपा की युवा इकाई भाजयुमो द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि पूर्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2015 8:15 PM
feature

नयी दिल्ली : संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज कुछ वर्गों में आतंकवाद के मामलों को धर्म के चश्मे से देखने की प्रवृत्ति की निंदा करते हुए कहा कि क्या वे फांसी में भी आरक्षण चाहते हैं.

भाजपा की युवा इकाई भाजयुमो द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के अंतिम संस्कार वाले दिन मीडिया का एक तबका याकूब मेमन को महिमामंडित कर रहा था. नायडू ने कहा कि इस तरह की खबरें प्रसारित की गयीं कि उसने क्या खाया और क्या पहना. इस तरह के व्यक्ति के लिए सहानुभूति कैसे हो सकती है. उन्होंने कहा कि देश को आतंकवाद के खिलाफ संगठित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता.

नायडू ने इस दलील को खारिज कर दिया कि फांसी की सजा एक समुदाय विशेष के लोगों को अधिक दी जाती है. उन्होंने कहा कि असली आंकडों के सामने इस तरह की धारणाएं गलत साबित हो जाएंगी. उन्होंने जाहिर तौर पर हिंदू दोषियों को फांसी की सजा के मामलों की ओर इशारा करते हुए कहा, पिछले कुछ सालों में 36 लोगों को फांसी दी गयी.

मकबूल भट, अफजल गुरु, अजमल कसाब और याकूब मेमन…..और भी अन्य लोग हैं, मैं समुदाय का नाम नहीं लेना चाहता. नायडू ने कहा, क्या आप फांसी में भी आरक्षण चाहते हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीडितों के बारे में भी सोचना चाहिए.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version