सुरक्षा परिषद की स्‍थायी सदस्‍यता के लिए रूस भारत के नाम पर तैयार

संयुक्त राष्ट्र की विस्तारित सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी के समर्थन के लिए रूस तैयार हो गया है. इससे पहले इंकार के बाद अमेरिका ने भी कहा था वह सुधार प्रक्रिया के लिए तैयार है. जबकि पिछले दिनों अमेरिका, रूस और चीन ने सुधार से जुडी वार्ताओं का विरोध किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2015 10:51 AM
feature

संयुक्त राष्ट्र की विस्तारित सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी के समर्थन के लिए रूस तैयार हो गया है. इससे पहले इंकार के बाद अमेरिका ने भी कहा था वह सुधार प्रक्रिया के लिए तैयार है. जबकि पिछले दिनों अमेरिका, रूस और चीन ने सुधार से जुडी वार्ताओं का विरोध किया था और सुधार की दीर्घ प्रक्रिया का आधार बनने वाले मजमून में योगदान देने से इंकार कर दिया था. चीन अभी भी अपने बात पर कायम है. संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष सैम कुटेसा ने सुरक्षा परिषद में सुधार से जुडी वार्ताओं का आधार बनने वाले दस्तावेज को संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के बीच प्रसारित करके उपलब्धि हासिल की थी.

कुटेसा ने सुरक्षा परिषद सुधार के मुद्दे पर अंतरसरकारी वार्ताओं की अध्यक्षता उनकी ओर से करने के लिए जैमेका के स्थायी प्रतिनिधि कोर्टने रैट्रे को नियुक्त किया था. कुटेसा ने 31 जुलाई को संयुक्तराष्ट्र के सभी सदस्यों को लिखे पत्र में कहा था कि वह उन समूहों और सदस्य देशों के रुख को दर्शाने वाले पत्रों को भी प्रसारित कर रहे हैं, जिन्होंने ये संकेत दिये थे कि वे अपने प्रस्तावों को वार्ता से जुडे दस्तावेज में शामिल नहीं करना चाहते. इन देशों में अमेरिका, रूस और चीन शामिल हैं.

टीएएसएस को दिये इंटरव्‍यू में रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने इस मसले पर कहा कि सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए रूस ब्राजील और भारत के आवेदन को अपना समर्थन देगा. रूसी विदेश मंत्री ने कहा है कि सुरक्षा परिषद तभी कारगर साबित होगी जब इसका सीमित विस्तार हो. सुरक्षा परिषद को भारी भरकम बनाने से यह अनियंत्रित हो जाएगी. लेकिन सुरक्षा परिषद में विकासशील देशों को भी जगह मिलनी चाहिए. इसीलिये हम कहते हैं कि केवल भारत और ब्राजील के आवेदनों को समर्थन देंगे. उन्होंने कहा कि वह ऐसा सोचते हैं कि इसी तरह विस्तारित सुरक्षा परिषद में अफ्रीकी देशों को भी जगह मिलनी चाहिए. लेकिन सुरक्षा परिषद के सद्स्यों की संख्या 20 से अधिक नहीं होनी चाहिए.

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि समांथा पावर ने कुटेसा को लिखे पत्र में कहा थाकि अमेरिका सैद्धांतिक तौर पर स्थायी और अस्थायी दोनों सदस्यों की संख्या में थोडा विस्तार के लिए तैयार है लेकिन शर्त यह है कि स्थायी सदस्य संख्या को विस्तार देने पर विचार करते हुए अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के रखरखाव में और संयुक्त राष्ट्र के अन्य उद्देश्यों की पूर्ति की दिशा में देशों की योग्यता और तत्परता पर गौर किया जाना चाहिए.’

उन्‍होंने कहा था कि हमारा मानना है कि नये स्थायी सदस्यों के नामों पर गौर किया जाना देश विशेष के आधार पर होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अब भी वीटो में किसी तरह के बदलाव या उसके विस्तार के खिलाफ है. वहीं रूस ने उस समय कहा था कि सुरक्षा परिषद के मौजूदा स्थायी सदस्यों के विशेषाधिकारों को परिषद के सुधार के किसी भी पहलू के तहत जस का तस रखा जाना चाहिए. इसमें वीटो अधिकार भी शामिल है. रूस ने कहा कि सुरक्षा परिषद सुधार पर अंतरसरकारी वार्ताएं एक शांतिपूर्ण, पारदर्शी और समावेशी माहौल में होनी चाहिए, जो कि कृत्रिम समय सीमाओं से मुक्त हो.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version