भारत-पाक वार्ता पर यशवंत सिन्हा ने उठाये सवाल, मोदी सरकार को याद दिलाया भाजपा का सिद्धांत

नयी दिल्ली/इस्लामाबाद : पिछले सप्ताह पेरिस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाक पीएम नवाज शरीफ की मुलाकातके बाददोनोंदेशों के बीच रिश्तों की नयी शुरुआत पर वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने सवाल खड़े कर दिये हैं. उन्होंने कहा है कि आज ही कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2015 4:08 PM
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नयी दिल्ली/इस्लामाबाद : पिछले सप्ताह पेरिस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाक पीएम नवाज शरीफ की मुलाकातके बाददोनोंदेशों के बीच रिश्तों की नयी शुरुआत पर वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने सवाल खड़े कर दिये हैं. उन्होंने कहा है कि आज ही कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ है, ऐसे में मैं आश्चर्यचकित हूं कि दोनों देशों में एनएसए स्तर की वार्ता शुरू हुई है. उन्होंने कहा कि भाजपा की नीति रही है कि आतंकवाद व वार्ता साथ साथ नहीं चल सकते हैं, ऐसे में आखिर क्या बदल गया, कि हम वार्ता के लिए राजी हो गये.

उधर, पाकिस्तानके प्रधानमंत्री के विदेश मामलोंं के सलाहकार सरताज अजीज ने भारत-पाक संबंधों में बंधी गांठों के कुछ हद तक खुलने की बात स्वीकारकीहै. उन्होंने कहा कि इस हफ्ते तय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ उनकी बातचीत में दोनों देशों के बीच समग्र वार्ता प्रक्रिया बहाल करने पर ध्यान दिया जाएगा. जाहिर है कि भारत की पहल और पाकिस्तान की उत्सुकता पर भाजपा के एक शीर्ष नेता द्वारा सवाल उठाये जाने से मोदी सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.

अजीज नेइस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा कि सुषमा ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कल पाकिस्तान पहुंचेंगी और अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भी बात करेंगी.

उन्होंने कहा कि भारत-पाक संबंधों में बंधी गांठें कुछ हद तक खुल रही हैं.

अजीज ने कहा कि भारतीय विदेश मंत्री के साथ उनकी बातचीत में समग्र वार्ता प्रक्रिया बहाल करने पर ध्यान देने के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी.

उल्लेखनीय है कि 2012 के बाद के बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री का यह पहला पाकिस्तान दौरा होगा. यूपीए सरकार के शासनकाल में एसएम कृष्ष्णा विदेश मंत्री के रूप में पाकिस्तान गये थे. हालांकि संसद में आज कांग्रेस ने पाकिस्तान के साथ संबंधों की नयी शुरुआत को सदन का अपमान बताया. राज्यसभा में विपक्ष के नेता अानंद शर्मा ने कहा कि सदन की कार्यवाही जारी रहने के बावजूद बैकांक में दोनों देशों के एनएसए की मुलाकात की जानकारी विपक्ष को नहीं दिया जाना उचित नहीं है. उधर, रक्षा विशेषज्ञ ने इसका स्वागत किया.

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