समलैंगिक संबंधी विधेयक गिरने पर बोले थरूर यह “Intolerance” है

नयी दिल्ली : विपरीतलिंगियों (ट्रांसजेंडरों) के अधिकारों के बारे में लोकसभा में लाए गए एक निजी विधेयक को सत्तापक्ष ने आज पेश होने से रोक दिया. कांग्रेस के शशि थरूर की ओर से यह विधेयक पेश किया गया था. इसमें 1860 की भारतीय दंड संहिता की धारा 377 में संशोधन करने की बात कही गयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 5:40 PM
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नयी दिल्ली : विपरीतलिंगियों (ट्रांसजेंडरों) के अधिकारों के बारे में लोकसभा में लाए गए एक निजी विधेयक को सत्तापक्ष ने आज पेश होने से रोक दिया. कांग्रेस के शशि थरूर की ओर से यह विधेयक पेश किया गया था. इसमें 1860 की भारतीय दंड संहिता की धारा 377 में संशोधन करने की बात कही गयी थी. लेकिन भाजपा के निशिकांत दुबे सहित सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इसे पेश किए जाने का ही विरोध किया. इस संदर्भ में उन्होंने विभिन्न अदालती फैसलों का उल्लेख किया.

थरुर ने हालांकि, इसे पेश किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि दुबे अदालतों के फैसलों को आंशिक रूप से बता रहे हैं. सत्ता पक्ष द्वारा इसका कडा विरोध किए जाने पर बीजद के सदस्यों नेथरूरका पुरजोर समर्थन किया और उनसे मतविभाजन की मांग करने को कहा. थरूर ने मत विभाजन की मांग की.

उपाध्यक्ष एम थंबीदुरै ने मत विभाजन के लिए कहा और कांग्रेसी सदस्य का यह विधेयक 24 के मुकाबले 71 मतों से पेश होने से नामंजूर कर दिया गया. बीजद के तथागत सतपति ने इस पर खेद जताते हुए कहा, ‘‘आज का दिन बहुत दुखद है.’ थरूरने भी इस विधेयक के गिर जाने के बाद कहा, मैं इस असहिष्णुता से हैरान हूं

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