शाह मिले पीएम मोदी से
सूत्रों के अनुसार रविवार को दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच 2 घंटे तक जम्मू-कश्मीर में सकार गठन को लेकर बातचीत चली.जम्मू-कश्मीर के भाजपा नेताओं ने सोमवार को एक के बाद एक केंद्र के नेताओं से सूबे में सरकार गठन को लेकर चर्चा की. प्राप्त जानकारी के अनुसार इन नेताओं ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ पार्टी महासचिव राम माधव से भी मुलाकात की. आपको बता दें कि पीडीपी के साथ पिछले साल सरकार गठन को लेकर राम माधव ने अहम भूमिका निभायी थी.
महबूबा इसलिए है नाराज
बताया जा रहा है कि पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती सूबे में पैकेज को लेकर नाराज चल रहीं हैं. एक पीडीपी नेता ने कहा कि पीएम ने राज्य में 5,000-6,000 करोड़ पैकेज देने का वादा किया था लेकिन अभी तक उसका 20 प्रतिशत भी यहां नहीं पहुंचा है.पिछले दो महीनों में केंद्र ने मात्र 1200 करोड़ जम्मू-कश्मीर को दिया है. वो भी केवल 7 जनवरी को जिस दिन मुफ्ती साहब का निधन हुआ. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विधायक दल की बैठक में महबूबा कह चुकीं हैं कि यदि भाजपा के साथ गंठबंधन नहीं हो पाता है तो पार्टी किसी अन्य पार्टी के साथ सरकार का गठन नहीं करेंगी हालांकि सूबे में सरकार गठन को लेकर बातचीत चल रही है.
पीडीपी ने असमंजस बरकरार रखा
इस बीच, पीडीपी ने सोमवार को भी असमंजस बरकरार रखा, जबकि पार्टी के विधायक दल की बैठक भी हुई. पीडीपी विधायक दल की बैठक में अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को अधिकृत किया गया कि वह मंगलवार को राज्यपाल वोहरा को पार्टी के विचार से अवगत कराएं. बहरहाल, इसको लेकर कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या महबूबा को विधायक दल का नेता चुना गया है क्योंकि मुख्यमंत्री पद के लिए उनका नाम पेश करने के लिए यह जरुरी होगा. पार्टी के एक नेता ने कहा कि विधायक दल ने महबूबा जी को इस बात के लिए अधिकृत किया है कि वह राज्यपाल को पीडीपी की राय से अवगत कराएं.
राज्य में हो फिर से चुनाव
नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर पीडीपी सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं है तो राज्य में चुनाव होना चाहिए. अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘अगर पीडीपी सरकार गठित करने के लिए तैयार नहीं है तो फिर एक सिर्फ एक विकल्प नए चुनाव कराने का है. कोई दूसरी पार्टी उनके साथ सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं है और अगर पीडीपी भी यही चाहती है तो फिर यही समय है कि वे नए चुनाव का आह्वान करें. लोकतंत्र में यही होना चाहिए.’ राज्य की 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी के 27, भाजपा के 25, नेशनल कांफ्रेंस के 15 तथा कांग्रेस के 12 विधायक हैं.नई दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘‘मेरा आरोप है कि पीडीपी और भाजपा संवेदनशील सीमावर्ती राज्य की जनता के लोकतांत्रिक जनादेश की उपेक्षा कर रही हैं, झुठला रही हैं तथा उल्लंघन कर रही हैं. उन्हें शासन के लिए चुना गया है और एक मिनट की भी देरी अच्छी नहीं है.’