अस्पताल से बच्‍चा चोरी, दो कर्मचारी निलंबित

मथुरा : जिले के सरकारी अस्पताल से बीते दिन एक महिला टीका लगवाने के बहाने एक नवजात शिशु को चुरा ले गयी. घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दो सफाई कर्मचारियों को निलंबित कर दिया तथा दो अन्य कर्मचारियों के निलंबन की सिफारिश की है. घटना को लेकर मचे हंगामे की खबर पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 2, 2016 2:56 PM
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मथुरा : जिले के सरकारी अस्पताल से बीते दिन एक महिला टीका लगवाने के बहाने एक नवजात शिशु को चुरा ले गयी. घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दो सफाई कर्मचारियों को निलंबित कर दिया तथा दो अन्य कर्मचारियों के निलंबन की सिफारिश की है. घटना को लेकर मचे हंगामे की खबर पर अस्पताल पहुंचे जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि मामले में रिपोर्ट दर्ज कर शीघ्र जांच करने को कहा गया है. पुलिस के अनुसार थाना कोतवाली क्षेत्र के नवनीत नगर निवासी आमीन की पत्नी नसरीन ने गत शनिवार को जिला महिला अस्पताल में सीजेरियन के बाद पुत्र को जन्म दिया था. उसी दिन से एक अज्ञात महिला उसकी देखभाल कर रही थी.

पीडित दंपति के अनुसार, वह अक्सर वार्ड में बच्चों की तीमारदारी करती नजर आती थी. सोमवार को जब नसरीन का पति दवा लेने बाहर गया था तभी महिला उसके पास पहुंची और टीका लगवाने के बहाने बच्चे को बाहर ले गयी. बहुत देर तक महिला के न लौटने पर परेशान नसरीन ने अस्पताल के स्टाफ से संपर्क किया तो उन्होंने ऐसी कोई भी महिला की जानकारी होने से मना कर दिया. इस पर वहां हंगामा मच गया. पीडित के परिजन और मोहल्ले वाले भी पहुंच गए. उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीडी भास्कर सहित अस्पताल के स्टाफ पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए हंगामा किया.

घटना की जानकारी पाकर जिलाधिकारी राजेश कुमार भी अस्पताल पहुंचे और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. सीएमएस डॉ. भास्कर ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर इस मामले में दो सफाई कर्मचारियों को निलंबित कर वार्डब्वाय दीपक और आया अनीता के निलंबन की संस्तुति कर रिपोर्ट लखनऊ मुख्यालय भेज दी गयी है. परिजनों का आरोप है कि वह महिला जिस प्रकार से वार्ड में घूम-घूमकर सभी बच्चों और जच्चाओं को देख रही थी उससे उन्हें लगा था कि वह भी अस्पताल की ही स्टाफकर्मी है.

उनका आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ में से किसी ने भी महिला की इस प्रकार आवाजाही पर कोई रोक नहीं लगायी और बाद में बच्चे को ढूंढने में भी मदद नहीं की. उन्होंने सीएमएस पर अभद्र व्यवहार करने तथा बच्चे की गुमशुदगी के लिए पीडित पक्ष को ही दोषी ठहराने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सीजेरियन ऑपरेशन के लिए तीन हजार रुपए मांगे गये थे. मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विवेक मिश्र ने सीएमएस को सभी वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगवाने को कहा है. उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि जो व्यक्ति अस्पताल में कार्यरत नहीं हैं, उन्हें वार्ड में प्रवेश न दिया जाए और न ही कोई भी महिला किसी अज्ञात व्यक्ति को अपना बच्चा सौंपे. पुलिस उपाधीक्षक चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि पीडित पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर बच्चे की तलाश कराई जा रही है.

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