जानें, सियाचिन में तैनात जवानों के सामने क्या रहती हैं चुनौतियां ?

सियाचिन : सियाचिन स्थित एक सैन्य चौकी में बर्फ की चट्टान खिसकने से कई जवान शहीद हो गये. सियाचिन से अकसर जवानों के मारे जाने की खबर आती है, सियाचिन में ड्यूटी करना बेहद तकलीफदेह होता है. यहां ड्यूटी पर तैनात जवानों के दो दुश्मन होते हैं -एक पाकिस्तानी सैनिक और दूसरा मौसम. यह इलाका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2016 1:06 PM
an image

सियाचिन : सियाचिन स्थित एक सैन्य चौकी में बर्फ की चट्टान खिसकने से कई जवान शहीद हो गये. सियाचिन से अकसर जवानों के मारे जाने की खबर आती है, सियाचिन में ड्यूटी करना बेहद तकलीफदेह होता है. यहां ड्यूटी पर तैनात जवानों के दो दुश्मन होते हैं -एक पाकिस्तानी सैनिक और दूसरा मौसम. यह इलाका दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है. सियाचिन में दूर-दूर तक सिर्फ बर्फ ही बर्फ दिखाई पड़ती है.

पूरा इलाका बर्फीली पहाड़ियों और फिसलन भरी ढलानों से भरा हुआ है. यहां कभी-कभी तापमान -50 डिग्री तक पहुंच जाता है. इस ऊंचे युद्धक्षेत्र में हमेशा सांस लेने में दिक्कत होती है. सैनिकों को वहां भेजने से पहले प्रशिक्षण दिया जाता है.लद्दाख में तैनात जवानों के कपड़े भी खास किस्म के होते है. ड्यूटी पर तैनात जवान बंकरों में रहते है. इन बंकरों के गर्म रखने के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है. लेकिन इसे एक विशेष तापमान तक ही गर्म रखा जा सकता है. इससे ज्यादा गर्म होने पर बंकरों के ग्लेशियर में धंसने की संभावना बनी रहती है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version