बेडे का निरीक्षण करने के बाद मुखर्जी ने कहा कि मित्र देशों की 50 नौसेनाएं समुद्रों को पार कर यहां पहुंची हैं और उन्होंने भारत के पूर्वी तट पर विशाखापत्तनम में पहले आईएफआर में भाग लेने के लिए अपने नौसैन्य पोतों और प्रतिनिधियों को भेजा है. राष्ट्रपति ने कहा, ‘दुनियाभर में नौसेनाएं अपनी निष्ठा, राष्ट्र के प्रति वफादारी और नाविकों तथा राष्ट्र के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए बेडों का निरीक्षण करती हैं. आईएफआर 2016 में इसे बडे पैमाने पर किया गया है.’
उन्होंने कहा, ‘आईएफआर 2016 भारतीय नौसेना की दिलेरी पर ध्यान केंद्रित करते हुए विश्व भर की नौसेनाओं को भारतीय तटों पर एकसाथ लेकर आया है जो शांति, सहयोग तथा मित्रता को संवर्धित करने के लिए समुद्र के उपयोग की हमारी साझा इच्छा को और महत्वपूर्ण बनाता है और साथ ही भविष्य में समुद्र को सुरक्षित बनाने के लिए साझेदारी भी विकसित करता है.’ आईएफआर में भारतीय नौसेना के साथ ही पूरी दुनिया की प्रमुख नौसेनाओं के पोत भी भाग ले रहे हैं. भारतीय तटरक्षक बल और मर्केन्टाइल मैरीन के पोतों को भी यहां देखा जा सकता है.
नौसैन्य समारोहों में से सबसे अधिक औपचारिक और खास मानी जाने वाली इस परेड में प्रत्येक पोत को विशेष तौर पर सजाया गया था जिसने सामने से गुजरते राष्ट्रपति को सलामी दी. राष्ट्रपति ने भारतीय नौसेना का हवाई प्रदर्शन भी देखा जिसमें सात फिक्स्ड विंग और रोटरी एयरक्राफ्ट ने 12 विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन किए. रिव्यू परेड के अंतिम चरण में पोतों और पनडुब्बियों का एक बेडा पे्रजिडेंशियल याट के सामने से गुजरा. इस परेड में भारतीय नौसेना में शामिल किए गए नवीनतम उपकरणों का प्रदर्शन किया गया. इस अवसर पर मैरीन कमांडो और हेलिकाप्टरों ने भी शानदार प्रदर्शन कर दर्शकों का मन मोह लिया.