इधर लोकसभा में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शोर शराबे के बीच ही प्रश्नकाल चलाया. अन्नाद्रमुक सदस्य ‘‘कार्रवाई करो, कार्रवाई करो, राजग सरकार कार्रवाई करो, प्रधानमंत्री कार्रवाई करें’, इंडिया वांट्स जस्टिस’ के नारे लगा रहे थे. अन्नाद्रमुक सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर केंद्र सरकार और सदन में मौजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे. अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अन्नाद्रमुक सदस्यों से इस विषय को शून्यकाल या उपयुक्त तरीके से नोटिस देकर उठाने को कहा. कांग्रेस सदस्यों ने अन्नाद्रमुक सदस्यों द्वारा इस विषय को उठाने का विरोध करते देखा गया. इस पर संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि अब तक आप (कांग्रेस सदस्य) रोज इसी तरह से यहां आकर (आसन के पास) विषयों को उठाते रहे हैं, बदलाव के तौर पर वे (अन्नाद्रमुक) ऐसा कर रहे हैं. उन्होंने अन्नाद्रमुक सदस्यों से कहा कि सरकार को किसी भी विषय पर चर्चा कराने से कोई एतराज नहीं है. अगर स्पीकर तय करती है, तब हम इसके लिए तैयार है. अभी प्रश्नकाल चलने दें. इसके बाद अन्नाद्रमुक सदस्य अपने स्थान पर लौट आए. अन्नाद्रमुक सदस्यों के अपने स्थान पर लौटने के बाद कांग्रेस सदस्य आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे. वे केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस के विषय को उठा रहे थे। कांग्रेस सदस्य ईरानी को बर्खास्त करने की मांग भी कर रहे थे.
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि विशेषाधिकार हनन नोटिस की एक प्रक्रिया होती है और इस पर विचार सदन में नहीं बल्कि स्पीकर के आफिस में होता है. आप में से कई लोग नये हैं, इसलिए बता रही हूं. यह विषय मेरे विचराधीन है. कांग्रेस सदस्य हालांकि शोर शराबा करते रहे. इस दौरान लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे कुछ कहना चाह रहे थे लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि वह किसी को अनुमति नहीं दे रही है और शून्यकाल में अपनी बात रखें. आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होते ही अन्नाद्रमुक सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के पास आ गए. अन्नाद्रमुक सदस्य अपने हाथों में एक समाचार पत्र लिये हुए थे जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र से जुडे कथित भ्रष्टाचार के मामलों का उल्लेख था. अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया लेकिन सदस्यों का शोरशराबा जारी रहा. हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरु की और प्रश्न लिये. संबंधित मंत्री ने पूरक सवालों के जवाब भी दिये.