शिवसेना ने कहा, ‘यदि उन्हें (सिंह) लगता है कि मैच आयोजित करना शहीद जवानों का अपमान होगा, तो क्या आप (भाजपा) उन्हें ‘देशद्रोही’ करार देंगे और उन्हें इस अपराध के लिए फांसी पर लटका देंगे?’ सिंह ने कहा था कि पठानकोट आतंकी हमलों के बाद लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इस मैच का आयोजन स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य सरकार खिलाडियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती और भारत की धरती पर पाकिस्तानी खिलाडियों का स्वागत करना ‘शहीद जवानों का अपमान’ होगा.
शिवसेना ने भारत में पाकिस्तानी खिलाडियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के संबंध में केंद्र के रुख पर तंज कसते हुए कहा, ‘अन्य मौकों पर इस आत्मविश्वास को क्या हो जाता है?’ पार्टी ने विरोध के बावजूद मैच आयोजित कराए जाने की स्थिति में भाजपा को लोगों का गुस्सा भडकने की चेतावनी दी. उसने कहा, ‘क्या क्रिकेट मैच खेलने से महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में किसानों की आत्महत्याएं रुक जाएंगी? क्या जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित हो जाएगी? क्या हमारे जवान सीमा पर सुरक्षित हो जाएंगे? क्या पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगने बंद हो जाएंगे.’
\पार्टी ने आगे कहा कि पठानकोट हमलों की जांच के लिए पाकिस्तानी जांच एजेंसियों का भारत आना ‘जवानों का अपमान’ है और भले ही सरकार बदल गई है लेकिन पाकिस्तान का तुष्टीकरण नहीं रुक रहा है. शिवसेना ने कहा, ‘हमें एक बहुत सीधा प्रश्न पूछना है. हम विदेश नीति और पडोसियों के साथ संबंधों के बारे में ज्यादा नहीं जानते होंगे लेकिन यदि यह मैच नहीं होगा, तो कौन सा पहाड टूट पडेगा? क्या पाकिस्तानियों को खुश करने से हमें विदेशों में पडा सारा काला धन मिल जाएगा?’