केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवा पार्टी विकास के नाम पर वोट लेती है और बाद में ‘भारत माता की जय’ नारे लगाने जैसे अन्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रीत कर देती है. उन्होंने कहा, ‘अब वे कहते हैं कि ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाएं नहीं तो आपको पीटा जाएगा. अन्ना आंदोलन के दौरान लोग दिल से ‘भारत माता की जय’ कहते थे. पर वे इसके लिए धमकियों का सहारा ले रहे हैं. छात्रों, किसानों और जौहरी समेत सभी गुस्से में हैं. भारत के प्रधान न्यायाधीश भी उनके सामने रो दिए.’
केजरीवाल ने कहा, ‘लोग राष्ट्रीय राजधानी में ‘आप’ के शासन मॉडल से बहुत संतुष्ट हैं और अगर आज चुनाव कराये जाये तो भाजपा को एक सीट भी हासिल नहीं होगी.’ आप नेता ने कहा ‘यहां एक ओर दिल्ली का शासन मॉडल है और दूसरी ओर गुजरात मॉडल. हम सभी को दोनों की तुलना करने को कहते हैं. गुजरात में स्कूलों की हालत खराब है और स्वास्थ्य सेवाओं की भी. अब सभी को पता है कि गुजरात मॉडल क्या है. गुजरात मॉडल के नाम पर लोगों को धोखा दिया गया है.’
दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच विभिन्न विवादों का हवाला देते हुए केजरीवाल ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया, ‘वह ‘आप’ के प्रयासों को बरबाद करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, फिर भी हम आगे बढ रहे हैं और दिल्ली की जनता के लिए काम कर रहे हैं.’ केजरीवाल ने कहा, ‘हम अपना घोषणापत्र रोज पढते हैं और उस पर काम करते हैं जबकि उन्हें शायद ही अपने किए गए वादे याद हों. केंद्र ने कुछ नहीं किया है. वे कहते हैं कि हम 2023 में यह करेंगे क्योंकि उन्हें पता है कि वह उस समय सत्ता में नहीं होंगे.’
आप की नयी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 7 महिलाएं शामिल
आम आदमी पार्टी ने आज पार्टी से जुडे निर्णय लेने वाली दूसरी सबसे बडी संस्था यानी नयी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है, जिसमें सात महिलाओं समेत 19 नये नाम हैं. पुनर्गठित 25 सदस्यीय संस्था के सदस्यों में कई सदस्य पंजाब से भी हैं. पंजाब में वर्ष 2017 में चुनाव होने हैं. चुनावी परिदृश्य में पार्टी का अगला लक्ष्य पंजाब ही है. इससे इतर पांच राज्य संयोजक इसके पदेन सदस्य बन गये हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों में पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, गोपाल राय, पंकज गुप्ता, आशुतोष और कुमार विश्वास शामिल हैं.
नये सदस्यों में यामिनी गोमर, राजेंद्र पाल गौतम, प्रीति शर्मा मेनन, दुर्गेश पाठक, भगवंत मान, कानू भाई कलसारिया, हरजोत बैंस, बलजिंदर कौर, राघव चड्ढा, आशीष तलवार, आतिशी मर्लेना, साधु सिंह, दिनेश वाघेला, मीरा सान्याल, भावना गौड, राखी बिडला, इमरान हुसैन और अमानतुल्ला खान हैं. निष्कासनों और इस्तीफों के चलते पिछले एक साल में राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बडा बदलाव देखने को मिला है. इसकी शुरुआत योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण प्रकरण के साथ हो गई थी. यादव और भूषण को कथित पार्टी-विरोधी गतिविधियों के चलते बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.