संसदीय समिति के सामने रघुराम राजन ने “आर्थिक सुस्ती ” को बताया कर्ज डूबने की वजह

नयी दिल्ली: संसद की एक समिति ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बढते डूबे कर्ज (एनपीए) की वास्तविक वजह बताने को कहा है. राजन ने समिति के समक्ष इसकी प्रमुख वजह कुल आर्थिक कमजोरी को बताया है. कांग्रेस नेता के वी थॉमस की अगुवाई वाली लोक लेखा समिति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 1, 2016 3:52 PM
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नयी दिल्ली: संसद की एक समिति ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बढते डूबे कर्ज (एनपीए) की वास्तविक वजह बताने को कहा है. राजन ने समिति के समक्ष इसकी प्रमुख वजह कुल आर्थिक कमजोरी को बताया है. कांग्रेस नेता के वी थॉमस की अगुवाई वाली लोक लेखा समिति (पीएसी) ने राजन के जवाब की समीक्षा की. समिति का कार्यकाल कल समाप्त हो गया है.

सूत्रों ने बताया कि समिति के पुनर्गठन के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर को भविष्य में उसके समक्ष पेश होने को कहा जा सकता है. इसके अलावा विभिन्न सरकारी बैंकों को भी अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए समिति के समक्ष पेश होने का कहा जा सकता है. संसदीय समिति ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियों की समीक्षा का फैसला किया. दिसंबर, 2015 के अंत तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए 3.61 लाख करोड रुपये पर पहुंच गया.

दिसंबर के अंत तक 701 खाते ऐसे थे, जिनपर सरकारी बैंकों का बकाया 1.63 लाख करोड रुपये था. इन सभी खातों पर बकाया 100-100 करोड रुपये से अधिक था. इसमें सबसे अधिक हिस्सा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का था. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पहले पीएसी के समक्ष पेश होने को तैयार नहीं थे, लेकिन बाद में वे इसके लिए राजी हो गए और उन्होंने समिति के समक्ष अपनी बात रखी.

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