उन्होंने 2011 में भी वहीं शपथ ली थी. हालांकि 2001 में उन्होंने राज भवन में शपथ ली थी. सभागार के बाहरी और भीतरी दोनों हिस्सों को सजाया गया है. इसके अलावा पूरे भवन को आकर्षक रोशनी से भी सजाया गया है. सभागार परिसर के अलावा फोर्ट सेंट जार्ज में मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों के कक्षों का भी नए सिरे से रंगरोगन किया गया है. सचिवालय की ओर जाने वाली सडकों को भी चमकदार बनाया गया है.
68 वर्षीय जयललिता अपने चौथे कार्यकाल के लिए शपथ लेंगी. उनका पहला कार्यकाल 1991 से 96 के बीच था जबकि दूसरा कार्यकाल 2001 से 2006 और तीसरा 2011 से 2016 के बीच रहा. तांसी मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के कारण वह सितंबर 2001 से करीब छह महीने तक पद से दूर रही थीं. 29 सितंबर 2014 से 22 मई 2015 के बीच एक बाद फिर वह पद से दूर रहीं.
इस बार भ्रष्टाचार के एक मामले में बेंगलुरु की एक अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के कारण उन्हें कुर्सी छोडनी पडी. बाद में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उस फैसले को खारिज कर दिया था. सब मिलाकर वह पांच बार मुख्यमंत्री बनी हैं. वर्ष 2011 में उनके शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इसके अलावा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे.
उस समय नायडू विपक्ष में थे. शपथ ग्रहण समारोह का सीधा प्रसारणकिया जा रहा है. तंजावुर और करुर को छोडकर अन्य जिलों में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के वाहनों पर विशाल एलईडी स्क्रीन लगाए गये हैं. तंजावुर और अरावकुरिची में चुनाव टाल दिए गए थे और वहां चुनाव अगले महीने होंगे. ये वाहन ऐसे स्थानों पर लगाए गये हैं जहां लोग बडी संख्या में एकत्र हो सकें.