चीनी सैनिक करीब तीन घंटे तक भारतीय सीमा ठहरे हुए थे जिसका भारतीय सैनिकों के जोरदार विरोध किया. इस विरोध के बाद वे अपनी सीमा में लौट गए. यह घुसपैठ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की चीन यात्रा के 15 दिन बाद हुई है जो काफी दुखद है.
आपको बता दें कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने तीन दिन पहले ही दावा किया था कि मोदी सरकार की नीति के कारण चीन की ओर से सीमा के घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई है. जानकारों की माने तो भारत के न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में शामिल होने की कोशिशों के बीच चीन भारत को परेशान करने की नीयत से ऐसा कर रहा है. इस ग्रुप में शामिल होने के लिए भारत को कई महत्वपूर्ण देश का समर्थन मिल चुका है जिसमें अमेरिका भी शामिल है लेकिन चीन इसका विरोध कर रहा है.
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी दी कि चीन से सटी सीमा तय नहीं होने के कारण कई बार उसके सैनिक भारतीय सीमा में चले आते हैं और विरोध के बाद वापस चले जाते हैं. चीनी घुसपैठ को देखते हुए यांगत्से में भारतीय सैनिकों का भारी जमावड़ा हमेशा रहता है. कई बार अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख सीमा पर चीनी सैनिकों के साथ भारतीय जवानों का अक्सर आमना-सामना होता रहता है. पहले भी कई बार चीनी सैनिक भारतीय सीमा के अंदर आ चुके हैं और विरोध के वापस गए.
उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच विवादित सीमा 4000 किलोमीटर का है हालांकि चीन का कहना है कि सीमा विवाद वाला क्षेत्र महज 2000 किलोमीटर का है.