भारत के राफेल खरीदने से घबराया चीन और पाकिस्तान!

नयी दिल्ली/ बीजिंग : चीनी रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत फ्रांस से परमाणु क्षमता वाले 36 राफेल विमान हासिल करके चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर तैनात करने की योजना बना रहा है. इस संबंध में चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की एक खबर छापी है जिसकी रिपोर्ट में कहा गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2016 8:16 AM
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नयी दिल्ली/ बीजिंग : चीनी रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत फ्रांस से परमाणु क्षमता वाले 36 राफेल विमान हासिल करके चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर तैनात करने की योजना बना रहा है. इस संबंध में चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की एक खबर छापी है जिसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत आने वाले समय में चीन और पाकिस्तान से लगी विवादित सीमा पर इन नए युद्धक विमानों को तैनात कर सकता है. शेंजेन टेलीविजन के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने खबर दी है.

चीन को अंदेशा है कि फ्रांस से खरीदे जाने वाले परमाणु क्षमता युक्त राफेल लडाकू विमानों को भारत चीन एवं पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में तैनात करेगा ताकि वह अपनी निवारक क्षमता में इजाफा कर सके. गौरतलब है कि भारत फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने की तैयारी में है.

अखबार के मुताबिक, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया कि भारत दुनिया का सबसे बडा हथियार आयातक है. एशियाई क्षेत्र में हथियारों का ज्यादा आयात मुख्य रुप से इसलिए है क्योंकि पश्चिम एशिया में सुरक्षा माहौल अस्थिर है और चीन के पडोसियों से चिंताएं बढ रही हैं. शेंजेन टेलीविजन की रिपोर्ट के मुताबिक, राफेल लडाकू विमान उडान भरने की स्थिति में परमाणु हथियारों से लैस होते हैं और इसका मतलब यह है कि भारत की परमाण्विक निवारक क्षमता में बहुत सुधार आएगा.

शंघाई इंस्टीट्यूट्स फॉर इंटरनेशनल स्टडीज में दक्षिण एशिया अध्ययन के निदेशक झाओ गेनचेंग ने कहा, ‘‘भारत राफेल की तकनीक भी खरीदना चाहता है लेकिन फ्रांस ने इससे इनकार कर दिया, जिसका मतलब यह है कि फ्रांस की ऐसी कोई मंशा नहीं है कि वह भारत की सैन्य औद्योगिक व्यवस्था को बढावा देने में उसकी मदद करे.’ अखबार ने सिप्री की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि एक अनुमान के तौर पर भारत नई रक्षा प्रणालियों पर 100 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च कर अपनी सैन्य क्षमताएं तेजी से बढा रहा है, जबकि रुस, अमेरिका और इस्राइल जैसे अत्याधुनिक सैन्य उद्योग वाले कई अन्य देश भी भारत के बाजार से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं.

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