नई ब्रह्मोस की जद में पूरा पाकिस्तान, किसी भी शहर को भारत बना सकता हैं निशाना !

नयी दिल्ली : रूस के साथ मिलकर भारत नई जेनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल बनाने की तैयारी कर रहा है जिसकी रेंज 600 किलोमीटर से कुछ अधिक होगी. इस मिसाइल की खास बात यह होगी कि इसकी जद में पूरा पाकिस्तान आ जाएगा. इस मिसाइल से पाकिस्तान के खिलाफ भारत की मारक क्षमता बढ़ जाएगी और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2016 8:07 AM
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नयी दिल्ली : रूस के साथ मिलकर भारत नई जेनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल बनाने की तैयारी कर रहा है जिसकी रेंज 600 किलोमीटर से कुछ अधिक होगी. इस मिसाइल की खास बात यह होगी कि इसकी जद में पूरा पाकिस्तान आ जाएगा. इस मिसाइल से पाकिस्तान के खिलाफ भारत की मारक क्षमता बढ़ जाएगी और पड़ोसी मुल्क की मुश्‍किलें इससे बढ़ जाएगी. मिसाइल से दुश्मन के ठिकानों पर अचूक निशाना भारत लगा पाएगा.

आपको बता दें कि भारत ने इस साल जून में मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) की सदस्यता ली थी. रूस इससे काफी खुश है, इसलिए वह भारत के साथ मिलकर नई जेनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल बनाने का इच्छुक है.

एमटीसीआर की गाइडलाइंस में इस बात का उल्लेख है कि सदस्य देश 300 किलोमीटर से अधिक रेंज की मिसाइल ग्रुप से बाहर के देशों को ना ही बेच सकते हैं और ना ही उनके साथ मिलकर इन्हें बनाने की सोच सकते हैं. ब्रह्मोस की रेंज अभी 300 किलोमीटर है, जिससे पाकिस्तान में हर जगह निशाना भारत नहीं लगा सकता है. भारत के पास नई जेनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल से अधिक रेंज की बलिस्टिक मिसाइल हैं, लेकिन ब्रह्मोस की खासियत यह है कि इससे खास टारगेट को निशाना बनाया जा सकता है और उसे तबाह किया जा सकता है.

जानकारों की माने तो पाकिस्तान के साथ यदि किसी प्रकार का टकराव होता है तो यह गेम चेंजर साबित हो सकता है. बलिस्टिक मिसाइल को आधी दूरी ही गाइड किया जाता है. इसके बाद की दूरी वे ग्रैविटी की मदद से तय करती हैं. उल्लेखनीय है कि क्रूज मिसाइल की पूरी रेंज गाइडेड प्रणाली पर है.

ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल है जो बिना पायलट वाले लड़ाकू विमान की तरह होगी, जिसे बीच रास्ते में भी कंट्रोल करने की क्षमता से लैस किया जाएगा. इसे किसी भी ऐंगल से अटैक के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है. गोवा में हुए द्विपक्षीय समझौते में दोनों देशों के बीच नई मिसाइल बनाने पर सहमति बन चुकी है जिससे पाकिस्तान परेशान है. भारत और रूस के बीच हुए समझौते के तहत ऐसी कम रेंज की मिसाइल भी बनाई जाएगी, जिसे सबमरीन और हवाई जहाज से लॉन्च किया जा सकता है.

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