केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में सहायक सचिवों के तौर पर तीन महीने का प्रशिक्षण पूरा करने वाले इन आईएएस अधिकारियों ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी), स्वच्छ भारत, ई-कोर्ट, पर्यटन, स्वास्थ्य और शासन में उपग्रहों के अनुप्रयोग जैसे विभिन्न विषयों पर मोदी के सामने आठ प्रस्तुतियां दी. प्रधानमंत्री ने इन विषयों पर काफी गहराई से प्रस्तुति देने को लेकर युवा अधिकारियों की तारीफ की. पीएमओ के बयान के मुताबिक, मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार में सहायक सचिवों के तौर पर आईएएस अधिकारियों की तैनाती एक ऐसी व्यवस्था के तौर पर सुझाई गई थी जिससे युवावस्था एवं अनुभव के मेल से सर्वश्रेष्ठ नतीजा सामने आए.
मोदी ने युवा अधिकारियों से कहा कि आज जैसे नतीजे पेश किये गये, उससे उन्हें संतुष्टि मिली कि उनका सपना साकार होने की ओर बढ़ रहा है. मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी से ‘फाउंडेशन कोर्स’ पूरा करने के बाद इन अधिकारियों ने खुद को आवंटित कैडर राज्यों में सेवाएं देने की बजाय एक अगस्त से केंद्र सरकार के 58 विभागों में सहायक सचिवों के तौर पर काम करना शुरू किया था. इन अधिकारियों को संबंधित मंत्रालयों एवं विभागों की नीतियों एवं महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों से जुड़े अहम डेस्कों पर काम सौंपा गया था. सचिव स्तर के अधिकारियों के मार्गदर्शन में इन अधिकारियों ने सहायक सचिवों के तौर पर अपनी सेवाएं दी.
केंद्र सरकार में सहायक सचिवों के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करने वाला यह आईएएस अधिकारियों का दूसरा बैच था. कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, ‘केंद्र सरकार में अपनी तीन महीने की तैनाती के दौरान उन्हें केंद्र सरकार के कामकाज की समग्र रुपरेखा से अवगत कराया गया. बहरहाल, उन्होंने पहले दिन से ही अपने दफ्तर का काम शुरू कर दिया और अपने डेस्क से जुड़ी फाइलों का निपटारा किया.’ कल जारी बयान के मुताबिक, ‘इस पहल का मकसद अपने करियर के बहुत शुरुआती चरण में ही आईएएस अधिकारियों को भारत सरकार के कामकाज से परिचित कराना है.’