जयललिता: तमिलनाडु की सबसे कम उम्र की सीएम, पांच बार रहीं मुख्यमंत्री

1989 के विधानसभा चुनाव में मिली पराजय के बाद एआइडीएमके भीतर लामबंदी और तेज हो गयी. जयललिता को विपक्ष का नेता चुना गया. उन्होंने करुणानिधि और डीएमके की नीतियों का जम कर विरोध किया. उनके प्रभावी नेतृत्व के कारण जयललिता का अपनी पार्टी में प्रभुत्व बढ़ता गया. आखिर जानकी रामचंद्रन ने राजनीति से संन्यास ले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2016 7:35 AM
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1989 के विधानसभा चुनाव में मिली पराजय के बाद एआइडीएमके भीतर लामबंदी और तेज हो गयी. जयललिता को विपक्ष का नेता चुना गया. उन्होंने करुणानिधि और डीएमके की नीतियों का जम कर विरोध किया. उनके प्रभावी नेतृत्व के कारण जयललिता का अपनी पार्टी में प्रभुत्व बढ़ता गया. आखिर जानकी रामचंद्रन ने राजनीति से संन्यास ले लिया और दोनों धड़ों का आपस में विलय हो गया.

वे 24 जून 1991 से 12 मई 1996 तक राज्य की पहली निर्वाचित मुख्यमंत्री और राज्य की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री रही थी. वर्ष 1989 में उनकी पार्टी ने राज्य विधानसभा में 27 सीटें जीतीं और वे तामिलनाडु की पहली निर्वाचित नेता प्रतिपक्ष बनी थी. वर्ष 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद राज्य में हुए चुनावों में उनकी पार्टी ने कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ा और सरकार बनायी. 1996 में उनकी पार्टी चुनावों और वे खुद भी चुनाव हारे. इस हार के बाद सरकार विरोधी जनभावना और उनके मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हुए. 2001 में भ्रष्टाचार के मामलों और कोर्ट से सजा होने के बावजूद वे अपनी पार्टी को चुनावों में जिताने में सफल रहीं. हालांकि गंभीर आरोपों के कारण उन्हें इस दौरान काफी कठिन दौर से गुजरना पड़ा, पर वे फिर एक बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने में सफल हुई.

उन्होंने गैर चुने हुए मुख्यमंत्री के तौर पर कुर्सी संभाल ली. इसी बीच भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया और उन्हें अपनी कुर्सी अपने विश्वस्त मंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को सौंपनी पड़ी. जब उन्हें मद्रास हाईकोर्ट से कुछ आरोपों से राहत मिल गयी तो वे मार्च 2002 में फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल ली. हालांकि 2004 के लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हार गयी थी. अप्रैल 2011 में जब 11 दलों के गंठबंधन ने 14वीं राज्य विधानसभा में बहुमत हासिल किया तो वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनी थी.

पांच बार रहीं मुख्यमंत्री

24/06/1991-12/5/1996

14/05/2001-21/09/2001

2/03/2002-12/05/2006

29/02/2011-27/092014

23/05/2015- 5/12/2016

तमिलनाडु की 11वीं, 14वीं, 16वीं, 18वीं और 19वीं सीएम

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