चंद्रबाबू नायडू के ताजा बयान से यह सवाल पैदा होता है कि क्या नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक लड़ाई हार रहे हैं? नरेंद्र मोदी सरकार ने आठ नवंबर को 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का ऐतिहासिक और साहसिक फैसला लिया था. तब विपक्ष के अलावा सरकार की कुछ सहयोगी पार्टियों ने भी इस फैसले का विरोध किया था. उनका विरोध अब भी कायम है. नोटबंदी के खिलाफ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध प्रदर्शन में अकाली दल और शिवसेना तो शामिल भी हुई थी. दूसरी ओर, चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी के इस फैसले का समर्थन किया था. अब उन्हीं चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘नोटबंदी के कारण हो रही परेशानियों को कम करने के बारे में मैं रोज सोचता हूं, लेकिन हम इस समस्या का समाधान ढूंढ़ने में सफल नहीं हो पाये हैं.’
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