नयी दिल्ली : भारत में कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए बीते आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद से देश-दुनिया के तमाम राजनेताओं, अर्थशास्त्रियों, रेटिंग एजेंसियों और आलोचकों तीखी आलोचना झेल रही सरकार ने करारा जवाब देने का मन बना लिया है. उसने इसके लिए मुश्तैदी से तैयारी भी शुरू कर दिया है.
सरकार ने इन आलोचकों को जवाब देने के लिए आधार कार्ड को अपना आधार बनाया है. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, सरकार जल्द ही आधार कार्ड के जरिये कैशलेस लेन-देन करने के लिए आधार पेमेंट एप की दिशा में युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस एप को लोगों के सामने पेश कर देगी, जिसका स्तेमाल प्लास्टिक मनी के रूप में किया जा सकेगा.
अंग्रेजी के अखबार द इकोनॉमिक टाइम्स की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर के अनुसार, आधार कार्ड आधारित प्लास्टिक मनी कार्ड आधार पेमेंट एप को रविवार यानी 25 दिसंबर को लॉन्च किया जायेगा, जो कैशलेस लेन-देन की सेवा प्रदान कराने वाली मास्टरकार्ड या विसा के द्वारा लिये जाने वाले शुल्क से छुटकारा दिलायेगा. खबर में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि इस एप के जरिये देश के दूर-दराज के गांवों के लोग भी आसानी से कैशलेस डिजिटल लेन-देन कर सकेंगे. तब तो है कि इस आधार कार्ड आधारित एप का इस्तेमाल करने के लिए सभी कारोबारियों के पास एक एंड्रॉयड मोबाइल होना जरूरी है.
कारोबारी ऐसे कर सकेंगे इस एप का इस्तेमाल
आधार कार्ड आधारित इस एप से लेन-देन करने के लिए देश के कारोबारियों को अपने स्मार्टफोन पर बायोमीट्रिक रीडर लगा आधार कैशलेस मर्चेंट एप को डाउनलोड करना होगा, जिसमें 2000 रुपये तक की राशि उपलब्ध हो सकेगी. उधर, ग्राहकों को अपने मोबाइल फोन पर पहले से डाउनलोड एप पर अपना आधार नंबर डालना होगा. इसके बाद उसे भुगतान करने के अपने बैंक का चयन करना होगा. बैंक का चयन करने के बाद उसे बायोमीट्रिक स्कैन करने के बाद अपना आधार नंबर डालने के बाद अपना पासवर्ड डालना होगा, तब जाकर अधिकृत तरीके से दुकानदार को निर्धारित राशि के अंदर भुगतान किया जा सकेगा.
बिना स्मार्टफोन के भी कर सकते हैं आधार एप के जरिये भुगतान
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के सीईओ अजय भूषण ने अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि इस एप के जरिये लोग बिना स्मार्टफोन के भी लेन-देन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस समय देश में करीब 40 करोड़ से अधिक आधार नंबर को बैंकों से जोड़ दिया गया है, जिसमें आधे से अधिक आधार नंबर वयस्कों के हैं. उन्होंने बताया कि मार्च, 2017 तक देश के सभी बैंकों से सारे आधार नंबरों को जोड़ने का काम पूरा कर दिया जायेगा. वहीं, सरकार ने पूरे देश में नियामक और भुगतान कंपनियों के साथ मिलकर डिजिटल भुगतान करने की प्रणाली विकसित करने की तैयारी में पूरी मुश्तैदी के साथ जुटी हुई है.
रविवार को राष्ट्रीय स्तर पर होगा लॉन्च
अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार, रविवार को राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किये जाने वाले इस एप को आईडीएफसी बैंक ने यूआईडीएआई और राष्ट्रीय भुगतान निगम के साथ मिलकर तैयार किया है. बता दें कि इस तकनीक को बीते 19 दिसंबर को वित्त मंत्री अरुण जेटली और सूचना एवं तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रदर्शित किया था.
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