खबर है कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में नोटबंदी के बाद के ब्लूप्रिंट के संबंध में अपनी बात रख सकते हैं. वह नोटबंदी के बाद से एक बड़ी समस्या बने रहे नकदी के प्रवाह को सुगम बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर से भी जनता को रु-ब-रु करवा सकते हैं.
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी आठ नवंबर को हुई नोटबंदी की घोषणा के बाद अर्थव्यवस्था के समक्ष पेश आई समस्याओं से निपटने के कदमों पर भी बोल सकते हैं. यहां उल्लेख कर दें कि पिछले कुछ सप्ताह में अपनी जनसभाओं में प्रधानमंत्री सरकार के फैसले के बाद हुई परेशानी को सहन करने की अपील जनता से करते नजर आ चुके हैं.
अपनी जनसभाओं में पीएम मोदी कहते रहे हैं कि 50 दिन की अवधि पूरी हो जाने के बाद यह परेशानी धीरे-धीरे दूर होने लगेगी. मंगलवार को पीएम मोदी ने मौजूदा आर्थिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए नीति आयोग में अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से मुलाकात की थी.
गौर हो कि पिछली बार 8 नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने काले धन पर हमला करने के उद्देश्य से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद करने की घोषणा की थी. जनता को अपने पुराने नोट बैंकों में जमा कराने के लिए सरकार ने 31 दिसंबर तक का वक्त दिया था, जो कि अब खत्म होने जा रहा है.