शर्मा ने यहां बीएसएफ मुख्यालय के दो टेलीफोन नंबर भी बताए और कहा कि जवान एवं अधिकारी इन हेल्पलाइनों पर अपनी कोई भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं और कॉल करते वक्त उनके नाम, रैंक, पदनाम वगैरह नहीं पूछे जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह हेल्पलाइन 31 जनवरी तक काम करेगी और उसके बाद वाजिब शिकायतों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसे एक बीएसएफ जवान की इस शिकायत में कोई दम नहीं नजर आया है कि सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को घटिया राशन दिया जाता है और इस पर जोर दिया कि ‘सुरक्षाबलों में खाने को लेकर कोई व्यापक असंतोष नहीं है. ‘ अपनी रिपोर्ट में गृहमंत्रालय ने पीएमओ से कहा कि अर्धसैनिक बलों की किसी भी चौकी पर राशन की कमी नहीं है और नियमित रुप से गुणत्ता की जांच की जाती है. बीएसएफ जवान तेज बहादुर की खाने की गुणवत्ता के बारे शिकायत वाला वीडियो सोशल मीडिया पर फैल गया है जिससे प्रतिक्रियाओं की बाढ आ गयी है. पीएमओ ने इस घटना पर विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी.
बीएसएफ के डीजी ने इसकी जांच के लिए बड़े अधिकारियों को भेजा था. पीएमओ भी इस शिकायत पर नजर रखे हुए था. गृहमंत्रालय ने आज इसकी रिपोर्ट पीएमओ को भेजी जिसमें उन्होंने जवान की शिकायत को झूठ करार दिया है. हालांकि पीएमओ को भेजी गयी रिपोर्ट पर सवाल खड़े होने लगे हैं. जवान तेजबहादूर ने खराब खाने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया था. इतना ही नहीं उसने सेना के उच्चअधिकारियों पर राशन के पैसे के घोटाले का आरोप लगाया था.
जानकारी आना अभी बाकी है.