अरुण जेटली के लिए कितना चुनौतीपूर्ण है इस बार का केंद्रीय बजट, जानिए

नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय बजट 2017 को लेकर उलटी गिनती शुरू हो गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण केंद्रीय बजट की तारीख में बदलाव करने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट से स्पष्ट कर दिया कि संसद में बजट पेश करना चुनाव आचार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2017 1:48 PM
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नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय बजट 2017 को लेकर उलटी गिनती शुरू हो गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण केंद्रीय बजट की तारीख में बदलाव करने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट से स्पष्ट कर दिया कि संसद में बजट पेश करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है. इस फैसले के बाद अब पहली फरवरी को ही केंद्रीय बजट के सदन में पेश करने का रास्ता साफ हो गया है. यानी इस बार पहले के मुकाबले करीब एक पहले केंद्रीय बजट पेश किया जायेगा.

2017-18 के बजट को लेकर वित्त मंत्री की पांच बड़ी चुनाँतियां :

आयकर में राहत : नये बजट में जनता आयकर में छूट की सीमा में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रही है. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जनता की इस अपेक्षा को पूरा करने के लिए वित्त मंत्री नये बजट में आम करदाताओं के लिए लाभ की घोषणा कर सकते हैं. इसके तहत आयकर में छूट की वर्तमान सीमा 2.5 लाख रुपये को 4 लाख रुपये तक बढ़ा सकते है.

डिजिटल ट्रांजक्शन के नये उपाय : देश में 500 और 1000 को नोट को प्रचलन से बाहर करने के बाद केंद्र सरकार का यह पहला बजट है. जाहिर है, इस बजट को लेकर सरकार पर दबाव ज्यादा होगा, क्योंकि लोगों ने नोटबंदी पर भारत सरकार का जो ऐतिहासिक समर्थन किया है, वे प्रभाव इस बजट में वह देखना चाहेंगे. नये बजट में बिना नकदी लेनदेन को बढ़ावा देने के उपायों और उसमें जनता को नयी राहत मिलने की भी उम्मीद है. सरकार और आरबीआइ की ओर डिजिटल ट्रांजक्शन और इस पर व्यापारियों को छूट सरकार पहले ही दे चुकी है. नये बजट में क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और मोबाइल पर्स के जरिये ट्रांजक्शन को बढ़ाने के नये उपायों पर क्या कुछ नया हाेगा, इस पर लोगों की नजर होगी.

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