विश्वविद्यालयों में बहस होनी चाहिए, हिंसा नहीं : राष्ट्रपति

कोच्चि : विश्वविद्यालय परिसरों में स्वतंत्र चिंतन की वकालत करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि अशांति की संस्कृति का प्रचार करने के बदले छात्रों और शिक्षकों को तार्किक चर्चा एवं बहस में शामिल होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को अशांति और हिंसा के भंवर में फंसा देखना दुखद है.... […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 2, 2017 9:36 PM
an image

कोच्चि : विश्वविद्यालय परिसरों में स्वतंत्र चिंतन की वकालत करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि अशांति की संस्कृति का प्रचार करने के बदले छात्रों और शिक्षकों को तार्किक चर्चा एवं बहस में शामिल होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को अशांति और हिंसा के भंवर में फंसा देखना दुखद है.

उनकी टिप्पणी दिल्ली विश्वविद्यालय में आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी और वाम समर्थित आइसा के बीच जारी गतिरोध तथा छात्रा गुरमेहर कौर के हालिया ट्वीटों के बाद राष्ट्रवाद तथा स्वतंत्र अभिव्यक्ति को लेकर हो रही बहस की पृष्ठभूमि में आयी है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version