!!अनिल एस साक्षी!!
श्रीनगर : सुरक्षा बलों को गरमी के मौसम में कश्मीर में अशांति की आशंका है. इसका संकेत सीआरपीएफ के उस प्रस्ताव से मिलता है, जिसमें उसने अलगाववादियों और पत्थरबाजों से निबटने के लिए चार हजार पैलेट गन और छह लाख कारतूसों की मांग की है. अगले कुछ दिनों में इनकी आपूर्ति होनेवाली है. करीब 70,000 जवान जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं.
पिछले साल सीआरपीएफ ने करीब 700 पैलेट गनों और सवा लाख कारतूसों का सहारा लिया था. लेकिन, अब अधिकारियों को आशंका है कि इस बार अगर हिंसा भड़की, तो उसका स्तर पिछले साल से अधिक होगा. कारण स्पष्ट है. आतंकी भी घुसपैठ करने में कामयाब हो रहे हैं और पत्थरबाज नयी नीतिओं पर चलते हुए सुरक्षाबलों को आतंकवाद विरोधी अभियानों में रूकावटें पैदा कर रहे हैं. करीब 2,400 इसके जवान पिछले साल पथराव में घायल हो गये थे.
पहले पैलेट गनों का इस्तेमाल सिर्फ श्रीनगर में हो रहा था, लेकिन अब हिंसक आंदोलन सारी वादी में तेजी पकड़ने लगा है, तो ऐसे में कश्मीर के अन्य हिस्सों में तैनात सीआरपीएफ की कंपनियों ने भी पैलेट गनों की मांग की है, ताकि वे प्रदर्शनकारियों पर सीधे तौर पर गोलियां न दागें. इस बार पैलेट गनों की, जो नयी खेप आनेवाली है, वह डिफलेक्टरों के साथ तैयार की गयी है, जिस कारण दागे गये कारतूस प्रदर्शनकारी की छाती से ऊपर के हिस्से पर कोई प्रभाव नहीं डालेंगें. सीआरपीएफ ने 20,000 फुल-बॉडी प्रोटेक्टर, 3,000 पोलीकार्बोनेट शील्ड, बेहतर हेलमेट, आंसू गैस प्रोटेक्टर का प्रस्ताव भेजा है.
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