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भारत के वैज्ञानिक कौशल और तकनीकी प्रगति को चिह्नित करने के लिए वर्ष 1999 से 11 मई के दिन को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है. वर्ष 1998 में आज ही के दिन भारत ने वाजपेयी के नेतृत्व में पोखरण में पांच परमाणु परीक्षणों में से पहला परीक्षण किया था. इन परीक्षणों से भारत ने पूरे विश्व में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया.
नरेंद्र मोदी डॉट इन वेबसाइट पर पर एक लेख में मोदी का पहले दिया गया एक भाषण है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दुनिया पोखरण परीक्षण के बारे में अच्छी तरह जानती है. अटल जी के नेतृत्व में सफलतापूर्वक परीक्षण किये गये और पूरे विश्व ने भारत की ताकत को देखा. वैज्ञानिकों ने देश को गौरवान्वित किया.
करीब दो दशक पहले हुए परीक्षणों को याद करते हुए मोदी ने कहा कि परीक्षणों की पहली श्रृंखला के बाद विश्व समुदाय ने भारत पर प्रतिबंध लगाये. 13 मई 1998 को अटल जी ने फिर परीक्षण किया, जिससे यह पता चला कि वह अलग मिजाज के व्यक्ति हैं. अगर हमारे पास एक कमजोर प्रधानमंत्री होता तो वह उसी दिन डर गया होता या होती, लेकिन अटल जी अलग थे. वह डरे नहीं.
परमाणु परीक्षणों के दौरान पोखरण के लोगों की भूमिका की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि परीक्षणों की योजना बनाने और उन्हें करने के दौरान चुप्पी साधे रखने के लिए पोखरण के लोगों की भी तारीफ होनी चाहिए. उन्होंने हर किसी चीज से ऊपर राष्ट्र के हित को तरजीह दी.