वह मेरा काम है. क्योंकि मैं लड़ाई के मैदान से बहुत दूर हूं. मैं केवल जवानों से यह कह सकता हूं कि मैं आपके साथ हूं. घाटी में जारी प्रदर्शन व पथराव की घटनाओं पर सेना प्रमुख ने कहा, ‘यह छद्म युद्ध है. इसे घृणित तरीके से अंजाम दिया जाता है. संघर्ष के नियम तब लागू होते हैं, जब विरोधी पक्ष आपसे आमने-सामने लड़ता है. उन्होंने कहा कि मैं खुश होता, यदि प्रदर्शनकारी पत्थर फेंकने के बजाय हथियारों से फायर कर रहे होते. तब मैं वह करता जो मैं करना चाहता हूं.
मिशन बदला! बोले आर्मी चीफ बिपिन रावत- हम जवाब नहीं देते, करते हैं कार्रवाई
जनरल रावत ने कहा कि किसी भी देश में लोगों में सेना का भय खत्म होने पर देश का विनाश हो जाता है. उन्होंने आगे कहा कि पत्थरबाजी की वजह से सेना को अपना काम करने में काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने कश्मीर मुद्दे के स्थायी हल के लिए सभी को साथ लेकर ठोस पहल करने का सुझाव दिया. रावत ने कहा कि मेजर गोगोई को सम्मानित करने का मुख्य उद्देश्य बल के युवा अफसरों का मनोबल बढ़ाना था. गोगोई के खिलाफ इस मामले में कोर्ट आॅफ इंक्वारी जारी है.
दरअसल, पिछले महीने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें सेना एक युवक को जीप से बांध कर ले जाती हुई दिख रही थी. जीप पर इस तरह युवक को बांधने वाले मेजर लीतुल गोगोई को पिछले दिनों सम्मानित किया गया था.