पत्रकार हत्याकांड : पूर्व सांसद शहाबुद्दीन बने अभियुक्त नंबर 10
दरअसल, पत्रकारों को सड़क किनारे एक लाश नजर आयी, तो वो उसको कैमरे में कैद करने लगे, घटना पर पुलिस का पहरा था. पुलिस ने संवाददाता को शूट करने से मना किया जिसके बाद पुलिस और पत्रकार के बीच बहस हो गयी. बहस के बाद बात इतनी आगे बढ़ गयी कि एक पुलिस अधिकारी ने पत्रकार की पिटाई कर दी.
कराहते रहे पत्रकार, पीटती रही पुलिस, महिला पत्रकारों को भी दी गालियां, बरसाये डंडे
जब इतने से भी उनका मन नहीं भरा तो वे पत्रकार को घसीटते हुए गाड़ी में बैठाने लगे और मर्डर का मामला दर्ज करने की धमकी देने लगे. घटना के वक्त और भी पत्रकार वहां मौजूद थे जिनके साथ पुलिस ने बदसलूकी की. खबर के अनुसार घटना के कई घंटों के बाद भी पत्रकार को पुलिस ने नहीं छोड़ा. पुलिस वालों का आरोप है कि पत्रकार ने सरकारी काम में रुकावट पैदा की जिसके बाद ही उसे हिरासत मे लिया गया है.
वही पत्रकारों की माने तो पुलिस ने बिना नाम पूछे कार्रवाई किया और सबके साथ बदसलूकी की.