मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, मुंबई में अगले 10 दिनों तक बारिश की कोई संभावना नहीं है. इसके साथ ही शहर में शुष्क मौसम का यह दौर लंबा खिंच सकता है. मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि मानसून ट्रफ की उत्तर दिशा में शिफ्टिंग और अरब सागर से नमी कम मिलने के कारण पश्चिमी तटीय क्षेत्र खास तौर पर प्रभावित हो रहे हैं.
पहाड़ी राज्यों में खतरे की घंटी
हिमालय के पश्चिमी हिस्से में एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है, जिससे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग ने 16 जुलाई तक इन दोनों राज्यों के पर्यटकों के लिए यातायात और ट्रैवल अलर्ट जारी किया है. स्काईमेट वेदर और IMD दोनों ने इस खतरे की पुष्टि की है.
साइक्लोनिक सर्कुलेशन और लो प्रेशर का असर
झारखंड और छत्तीसगढ़ में बना लो प्रेशर एरिया अब धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ रहा है. यह सिस्टम जल्द ही पश्चिम मध्य प्रदेश और दक्षिण-पूर्व राजस्थान की सीमा पर पहुंच सकता है. इससे न केवल हवाओं के पैटर्न में बदलाव होगा बल्कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और पहाड़ी राज्यों में तेज बारिश का नया दौर भी शुरू हो सकता है.
आज का मौसम पूर्वानुमान
पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश: कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना.
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, असम, मेघालय, छत्तीसगढ़, तटीय कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश और केरल: अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम मध्य प्रदेश और पश्चिम राजस्थान: 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने की आशंका. तटीय आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी, महाराष्ट्र, गुजरात और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में गर्जना के साथ बारिश की संभावना है.