AAP: सीजफायर के फैसले पर आम आदमी पार्टी ने उठाया सवाल
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि पाक अधिकृत कश्मीर को हासिल करने के लिए जान दे देंगे, लेकिन जब इसे हासिल करने की बारी आयी तो सरकार ने सीजफायर करने का फैसला ले लिया. उन्होंने भाजपा पर देश को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब भारतीय सेना जीत रही थी तो सीजफायर का निर्णय क्यों लिया.
By Vinay Tiwari | May 13, 2025 7:02 PM
AAP: ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना के पराक्रम और बढ़त हासिल करने के बाद अचानक हुए सीजफायर को लेकर देश के विपक्षी दल सरकार के खिलाफ हमलावर है. विपक्षी पार्टियों की ओर से अचानक हुए सीजफायर के फैसले पर सवाल उठाए जा रहे हैं. इस मामले में आम आदमी पार्टी ने सीजफायर को लेकर मोदी सरकार को घेरा. मंगलवार को आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि पाक अधिकृत कश्मीर को हासिल करने के लिए जान दे देंगे, लेकिन जब इसे हासिल करने की बारी आयी तो सरकार ने सीजफायर करने का फैसला ले लिया. उन्होंने भाजपा पर देश को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब भारतीय सेना जीत रही थी तो सीजफायर का निर्णय क्यों लिया.
भारतीय सैन्य बलों ने पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन को निशाना बनाने से पहले नष्ट करने का काम किया. यही नहीं सेना ने पाकिस्तान के प्रमुख सैन्य बेस को निशाना बनाकर पाकिस्तान की कमर तोड़ दी थी और वह डरा हुआ था तो फिर सीजफायर क्यों और किसके इशारे पर किया गया. देश की जनता को यह बताना चाहिए.
सीजफायर में अमेरिका ने क्यों निभाई भूमिका
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिये अपना पराक्रम दिखाया. सेना के साथ पूरे देश की जनता खड़ी थी. भारतीय सेना पूरी तरह पाकिस्तान पर हावी थी, लेकिन अचानक अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच सीजफायर की घोषणा कर दी. इसके कुछ देर बाद भारत सरकार की ओर से सीजफायर की पुष्टि की गयी. ऐसे में सवाल उठता है कि सीजफायर की घोषणा भारत सरकार की बजाय अमेरिका ने क्यों की. क्या पहलगाम हमले के आतंकियों को पकड़ लिया गया. ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश में कोई आतंकी हमला नहीं होगा.
इन सभी सवालों का जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देना चाहिए. भाजपा हमेशा से पाक अधिकृत कश्मीर पर कब्जा करने का वादा करती रही है. भारत के पास कई अरसे बाद इसका मौका मिला था, लेकिन सरकार ने सीजफायर की घोषणा कर मौके को हाथ से गंवा दिया. सरकार के इस फैसले से देश के लोगों में नाराजगी है. ऐसे में केंद्र सरकार को देश की जनता को बताना चाहिए कि सीजफायर का फैसला किन हालात में लिया गया.