Agriculture: देश में कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार कई स्तर पर काम कर रही है. कृषि उत्पादन बढ़ाने, किसानों की आय में वृद्धि करने, किसानों को विविध फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित करने जैसे कई कदम उठाए गए है. अब सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ चलाने की तैयारी है. इस अभियान की तैयारी पूरी हो चुकी है. गुरुवार को केंद्रीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ओडिशा के पुरी से अभियान की शुरुआत करेंगे. कृषि को लेकर 15 दिनों तक चलने वाले इस अभियान के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री लगभग 20 राज्यों में प्रवास करेंगे और किसानों और वैज्ञानिकों के साथ संवाद करेंगे.
ओडिशा में 29 मई को अभियान का आगाज करने के बाद केंद्रीय मंत्री 12 जून तक जम्मू, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, असम, मेघालय, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में किसानों व वैज्ञानिक टीमों के साथ संवाद करेंगे. इसका मकसद किसानों और वैज्ञानिकों का कृषि से जुड़े विषयों में फीडबैक लेना है ताकि भावी नीति तैयार करने में इस फीडबैक का प्रयोग कर कृषि क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सके.
तकनीक के बारे में किसानों का जागरूक करना है लक्ष्य
इस अभियान का मकसद क्षेत्र विशेष के लिए खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों से संबंधित आधुनिक तकनीकों के बारे में किसानों को जागरूक करना, किसानों के लिए उपयोगी सरकारी योजनाओं-नीतियों के बारे में बताना, किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में सुझाई गई विभिन्न फसलों के चयन तथा संतुलित खादों के प्रयोग के लिए जागरूक एवं शिक्षित करना है. साथ ही किसानों से फीडबैक प्राप्त करना ताकि उनके द्वारा किए गए नवाचार के बारे में वैज्ञानिक जानकारी प्राप्त कर अनुसंधान की दिशा का निर्धारण किया जा सके. खरीफ सीजन में किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से देशव्यापी ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों के सहयोग से 29 मई से 12 जून तक 700 से अधिक जिलों में आयोजित किया जाएगा.
इस दौरान वैज्ञानिकों की टीम गांवों में जाकर किसानों से संवाद करेगी. अभियान में देशभर के सभी 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), आईसीएआर के सभी 113 संस्थानों, राज्यस्तरीय विभागों एवं कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ही प्रगतिशील किसान व कृषि से जुड़े अन्य लोग शामिल होंगे. अभियान का लक्ष्य विभिन्न राज्यों में लगभग डेढ़ करोड़ किसानों तक प्रत्यक्ष रूप से पहुंचना व सीधे संवाद करना है, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “लैब टू लैंड” के विजन को धरातल पर उतारना है.