Air India Plane Crash Report: अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया की प्लाइट दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. अब हादसे को लेकर विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (AAIB) ने ठीक एक महीने बाद यानी 12 जुलाई को अपनी जांच रिपोर्ट पेश की है. जिसमें बोइंग 787-8 का ‘ईंधन स्विच’ बंद होने को लेकर दो पायलटों के बीच भ्रम की स्थिति का उल्लेख किया गया है.
क्या होता है ईंधन स्विच
ईंधन स्विच विमान के इंजनों में ईंधन के प्रवाह को कंट्रोल करते हैं. स्विच की दो स्थिति होती है, एक ‘रन’ और दूसरा ‘कट ऑफ’. जिसका इस्तेमाल इंजन को बंद करने और चालू करने के लिए किया जाता है. पीटीआई के अनुसार, एक अनुभवी पायलट ने बताया कि ईंधन स्विच की स्थिति को गलती से नहीं बदला जा सकता, बल्कि इसकी एक प्रक्रिया होती है.
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ईंधन स्विच में लगे होते हैं ब्रैकेट
आमतौर पर ‘ब्रैकेट’ लगे होने के कारण ईंधन स्विच सुरक्षित होते हैं. ये ब्रैकेट इसलिए लगे होते हैं कि स्विच की अवस्था में अचानक कोई बदलाव न हो. पायलट ने बताया कि स्विच की अवस्था बदलने से पहले उन्हें ऊपर खींचना पड़ता है. बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में ईंधन स्विच थ्रस्ट लीवर के नीचे स्थित होते हैं. दुर्घटनाग्रस्त एआई 171 उड़ान के मामले में, विमान के दो इंजनों के ईंधन स्विच एक सेकंड के अंतराल में बंद हो गए थे और फिर वे चालू हो गए थे.
क्या है थ्रस्ट लीवर ?
पायलट ने पीटीआई से बातचीत में बताया, “थ्रस्ट लीवर कार के एक्सीलेटर पैडल की तरह होता है जिस पर पावर का बढ़ना और घटना निर्भर करता है. इसमें दो चरम अवस्थाएं होती हैं – एक आइडल पावर और एक फुल पावर. इसके अलावा ईंधन नियंत्रण स्विच होता है, जिसमें दो अवस्थाएं होती हैं – कट ऑफ और रन. इसलिए जब आप इंजन बंद करते हैं तो ईंधन नियंत्रण स्विच कट ऑफ मोड में होता है.”
दो चरणों में स्टार्ट होता है विमान का इंजन
इंजन चालू करने के लिए दो चरण होते हैं. पहले चरण में ‘स्टार्ट सिलेक्टर’ को चालू किया जाता है और फिर ईंधन नियंत्रण स्विच को रन मोड में रखा जाता है. इसके बाद अंदर स्वचालित रूप से बहुत सारी चीजें होने लगती हैं. इंजन चलना शुरू हो जाता है, इसका मतलब है कि इंजन में ईंधन जा रहा है. थ्रस्ट लीवर निष्क्रिय अवस्था में होता है जबकि इंजन निष्क्रिय अवस्था में चलना शुरू कर देता है. ईंधन नियंत्रण को कट ऑफ से रन तक ले जाने में एक इलेक्ट्रॉनिक गेट होता है, जिसके कारण आपको जानबूझकर स्विच को खींचकर इसे रन मोड या फिर इसी तरह खींचकर कट ऑफ पर रखना होता है. यह एक सुरक्षा संबंधी विशेषता होती है.
विमान के टायर में होता है एयर ग्राउंड सेंसर, क्या है इसका काम?
पायलट ने बताया, “सामान्यतः जिस समय विमान जमीन से ऊपर उठता है, टायर में एक एअर ग्राउंड सेंसर होता है जो विमान प्रणाली को सूचित करता है कि वह हवा में है या जमीन पर.” “जब यह हवा में जाता है और हम अपने उपकरण पर देखते हैं कि विमान सही तरह से ऊपर जा रहा है तो उड़ान भरने वाले पायलट को गियर अप करने के लिए कहा जाता है.” उन्होंने कहा, “दुर्घटना के समय एक पायलट ने पूछा कि आपने इसे क्यों बंद कर दिया। हो सकता है कि इसके बाद उन्होंने फिर से स्विच चालू कर दिया हो, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.”
12 जून को उड़ान भरने के तुरंत बाद एयर इंडिया विमान हो गया था क्रैश
12 जून को लंदन जाने वाला बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर बाकी सभी की मौत हो गई थी.
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