Ajit Doval: अजीत डोभाल को लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया. डोभाल पीएम मोदी के कार्यकाल के अंत तक एनएसए के पोस्ट पर बने रहेंगे. जबकि डॉ पीके मिश्रा को भी फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचीव नियुक्त कर लिया गया है.
Ajit Doval appointed as National Security Advisor for a third time, appointment co-terminus with PM Modi pic.twitter.com/TTLRotwQbB
— ANI (@ANI) June 13, 2024
कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने पीके मिश्रा की नियुक्ति को दी मंजूरी
कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 10.06.2024 से प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में डॉ पीके मिश्रा, आईएएस (सेवानिवृत्त) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक जो भी पहले हो, तक रहेगी. अपने कार्यकाल के दौरान, उन्हें वरीयता तालिका में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा.
Appointments Committee of the Cabinet approves the appointment of Dr. P.K. Mishra, lAS (Retired) as Principal Secretary to Prime Minister with effect from 10.06.2024. His appointment will be co-terminus with the term of the Prime Minister or until further orders whichever is… pic.twitter.com/9TfLd5aHZH
— ANI (@ANI) June 13, 2024
अमित खरे और तरुण कपूर PMO में प्रधानमंत्री के सलाहकार नियुक्त
अमित खरे और तरुण कपूर को प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है, उन्हें भारत सरकार के सचिव के पद और वेतनमान में 10.06.2024 से दो वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेशों तक, जो भी पहले हो, नियुक्त किया गया है.
Amit Khare and Tarun Kapoor appointed as Advisors to PM, in the Prime Minister's Office, in the rank and scale of Secretary to Government of India, for a period of two years with effect from 10.06.2024 or until further orders whichever is earlier, pic.twitter.com/zH9TQjplBP
— ANI (@ANI) June 13, 2024
कौन हैं अजीत डोभाल
अजीत कुमार डोभाल आईपीएस अधिकारी रहे हैं. 30 मई 2014 से वो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर हैं. डोभाल भारत के पांचवे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं. इससे पहले शिवशंकर मेनन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे. अजित डोभाल का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में 1945 में हुआ था. उनका जन्म एक गढ़वाली परिवार में हुआ था. उन्होंने अजमेर के मिलिट्री स्कूल से अपनी प्रारम्भिक शिक्षा ली. उसके बाद आगरा से इकोनॉमिक्स में एमए क डिग्री हासिल की. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने आईपीएस की तैयारी की और 1968 में केरल कैडर से आईपीएस बने. उसके बाद 2005 में आईबी के चीफ पद से रिटायर हुए. वो मिजोरम, पंजाब और कश्मीर में उग्रवाद विरोधी अभियान में लगे रहे. डोभाल ने 1972 में अरुणी डोभाल के साथ शादी की. उनके दो बेटे हैं, शौर्य डोभाल और विवेक डोभाल.
ऑपरेशन ब्लैक थंडर ने अजीत डोभाल को बनाया हीरो
ऑपरेशन ब्लैक थंडर से अजीत डोभाल की पहचान और बढ़ गई. बताया जाता है कि जब चरमपंथी स्वर्ण मंदिर के अंदर घुसे हुए थे, तब डोभाल भी वहां घुस गए थे. 1988 में स्वर्ण मंदिर के आस-पास रहने वाले लोगों और खालिस्तानियों ने एक रिक्शावाले को देखा था. उस रिक्शावाले ने सभी को विश्वास दिलाया कि वह आईएसआई का सदस्य है और उसे उनकी मदद के लिए भेजा गया है. बाद में रिक्शावाला स्वर्ण मंदिर के अंदर गया और पूरी जानकारी लेकर बाहर निकला. बाद में पता चला की रिक्शा वाला कोई और नहीं अजीत डोभाल ही थे.
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