Arvind Kejriwal : केंद्र सरकार ने साजिश के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरवाल को गिरफ्तार किया और अब वे दिल्ली में चुनी हुई सरकार को गिराकर राष्ट्रपति शासन लगाना चाह रही है. यह आरोप आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और मंत्री आतिशी ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर लगाया. आतिशी ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करवाकर केंद्र सरकार यह साबित करना चाह रही है कि दिल्ली में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है, जबकि सच्चाई इससे अलग है. आतिशी ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल को छूटे केस में फंसाकर जेल भेजा गया है.
अरविंद केजरीवाल से डरती है मोदी सरकार
आतिशी ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हमारे नेता अरविंद केजरीवाल से डरती है, इसलिए वे उपराज्यपाल के द्वारा दिल्ली सरकार के खिलाफ पत्र लिखवा रही है, ताकि चुनी हुई सरकार को गिराया जा सके. यह जनादेश का अपमान होगा क्योंकि दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को अपना स्पष्ट बहुमत दिया है. अरविंद केजरीवाल की सरकार प्रदेश में जनता के हित में काम कर रही थी, खासकर गरीबों का हित साधा जा रहा था, उन्हें मुफ्त बिजली-पानी दिया जा रहा था, जिससे उनकी लोकप्रियता और बढ़ रही थी. दिल्ली की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा मिले इसके लिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने हर संभव प्रयास किया और कर रही है, जिसे रोकने के लिए मोदी सरकार प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाना चाह रही है.
Senior AAP Leader and Minister @AtishiAAP Addressing an Important Press Conference l LIVE https://t.co/UsTcWf1FXG
— AAP (@AamAadmiParty) April 12, 2024
आम आदमी पार्टी क्यों लगा रही है ये आरोप
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था. एक अप्रैल को ईडी ने उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है, जिसके बाद से वे अभी तक जेल में हैं, लेकिन केजरीवाल ने अबतक अपना इस्तीफा नहीं सौंपा है. मुख्यमंत्री के इस्तीफा नहीं सौंपने से शासन चलाने में बाधा आ रही है, क्योंकि सीएम के हस्ताक्षर के बिना कोई भी शासन संबंधी कार्य संपन्न नहीं हो पा रहा है. अभी तक कैबिनेट की बैठक भी नहीं हो पा रही है, पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल के पीए विभाव कुमार को विजिलेंस डिपार्टमेंट ने बर्खास्त कर दिया है, क्योंकि उनसे शराब घोटाला मामले में ईडी ने पूछताछ की है.
मुख्यमंत्री अभी किसी भी मामले में दोषी करार नहीं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अभी किसी भी मामले में कोर्ट ने दोषी करार नहीं दिया है, जिसकी वजह से वे अबतक अपने पद पर बने हुए हैं. संविधान में इस तरह की कोई व्यवस्था भी नहीं है कि अगर मुख्यमंत्री जेल चला जाए, तो क्या हो सकता है, क्योंकि यह अपने तरह का पहला मामला है, जब मुख्यमंत्री रहते हुए वे जेल गए हैं. लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि शासन प्रणाली के सुचारू संचालन के लिए मुख्यमंत्री का बैठकों में शामिल होना, निर्णय लेना जरूरी है. इन हालात में नैतिकता यही कहती है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद से इस्तीफा दें और कोई दूसरा व्यक्ति मुख्यमंत्री का पद संभाले, जैसा कि झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद हुआ. हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से पहले अपना पद चंपाई सोरेन को सौंपा और उसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई. बिहार में भी 1997 में मुख्यमंत्री लालू यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने और वारंट जारी होने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था और उनकी पत्नी राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनी थीं.
राष्ट्रपति शासन एक रास्ता
आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार पर लगातार यह आरोप लगा रही है कि वह दिल्ली की चुनी हुई सरकार को गिराकर राष्ट्रपति शासन लगाना चाह रही है, क्योंकि उसे डर सता रहा है कि अगर प्रदेश की शासन व्यवस्था चलाने में परेशानी हुई तो एलजी राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं. इसी वजह से आम आदमी पार्टी के कई नेता बार-बार यह कह रहे हैं कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग सकता है.
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