Assam Flood: असम में बाढ़ ने भारी तबाही लाई है. हर साल की तरह इस साल भी असम के कई इलाके टापू बन गए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 20 जिलों में एक लाख से अधिक लोग इससे प्रभावित हुए हैं. हालांकि, असम में बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन इससे कई लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा है. इस कारण उन्हें तटबंधों पर शरण लेनी पड़ रही है.
5 दिनों से तटबंध में शरण लेने को मजूबर परिवार
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए असम के बजाली जिले के दोलोईगांव शांतिपुर गांव के रहने वाले गगन तालुकदार नाम के एक स्थानीय ने बताया, वह अपने परिवार के चार सदस्यों के साथ पिछले 5 दिनों से एक तटबंध में शरण लेने को मजूबर हैं, क्योंकि विनाशकारी बाढ़ ने उनके घर और अन्य घरेलू सामान को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है. उन्होंने कहा, 23 जून की सुबह मैं अपने परिवार के सदस्यों के साथ सो रहा था और उस समय बाढ़ के पानी ने तटबंध के एक बड़े हिस्से को तोड़ दिया. पानी तुरंत हमारे घर में घुस गया. मैंने अपने बच्चों को बुलाया और अन्य साथी ग्रामीणों को सतर्क किया. गगन तालुकदार ने आगे कहा, हम अपनी जान बचाने के लिए तुरंत तटबंध पर पहुंचे. यहां अन्य ग्रामीण भी आए. हम अपने घर के सामान को बाहर निकालने में सक्षम नहीं थे. मेरे घर के अंदर लगभग 4 फीट पानी था.
पैसे नहीं हैं, हम कैसे रहेंगे?
गगन तालुकदार ने साथ ही बताया कि वह एक दिहाड़ी मजदूर हैं और उनका पूरा परिवार उन पर निर्भर है. उन्होंने कहा, मेरे पास एक नया घर बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. हालांकि, मेरे पास पैसे नहीं हैं. ऐसे में हम कैसे रहेंगे, हम नहीं समझ पा रहे है. उन्होंने बताया, सरकार की ओर से उन्हें एक-दो दिनों के लिए राहत सामग्री मिली. वहीं, कुछ अन्य गैर सरकारी संगठनों ने उनकी मदद की. गगन तालुकदार के साथ ही बाढ़ के पानी ने गांव के पंद्रह अन्य परिवारों के घरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और वे भी वर्तमान में तटबंध पर रह रहे हैं.
बाढ़ के पानी ने सबकुछ बहा दिया: पीड़ित
वहीं, एक अन्य ग्रामीण हरिन तालुकदार ने कहा कि बाढ़ के पानी ने उनकी बकरियों को बहा दिया और उनके घर को नुकसान पहुंचाया. उन्होंने कहा, मैं केले का व्यवसाय करने वाला एक छोटा व्यापारी हूं, लेकिन बाढ़ के पानी ने सबकुछ बहा दिया. इस विनाशकारी बाढ़ से पूरा इलाका बुरी तरह प्रभावित हुआ है. मैंने सब कुछ खो दिया है. मेरे पास कुछ भी नहीं है. इसके अलावा, दीपा तालुकदार नाम की एक अन्य ग्रामीण बताती हैं, जब हमने उस रात बाढ़ के बारे में अलर्ट की आवाज सुनी तो हम अपनी जान बचाने के लिए तटबंध की ओर भागे. बाढ़ ने सबकुछ नष्ट कर दिया. दीपा बताती हैं, बाढ़ के कारण इस क्षेत्र के सभी घर क्षतिग्रस्त हो गए. हमारे परिवार में छह सदस्य हैं और मेरे पति दिहाड़ी मजदूर हैं. अब हमारे पास जीने के लिए कोई विकल्प नहीं है. कई ग्रामीण अब बीमार महसूस कर रहे हैं.
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