बाबरी केस : आडवाणी की पेशी से पहले मिले अमित शाह, गुरुवार को दर्ज होगा जोशी का बयान

babri masjid demolition case, Home Minister Amit Shah ,met senior leader Bharatiya Janata Party (BJP) leader, Lal Krishna Advani : गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को शीर्ष भाजपा नेता व पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की. दोनों नेताओं की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दो दिन बाद ही 24 जुलाई को आडवाणी को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बयान दर्ज कराना है.

By Agency | July 22, 2020 10:39 PM
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नयी दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को शीर्ष भाजपा नेता व पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की. दोनों नेताओं की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दो दिन बाद ही 24 जुलाई को आडवाणी को बाबरी मस्जिद मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बयान दर्ज कराना है.

सूत्रों ने बताया कि इस मामले को लेकर 92 वर्षीय आडवाणी से मुलाकात के दौरान शाह के साथ सरकारी वकील भी मौजूद थे. आडवाणी बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के अभियुक्तों में एक हैं. उन्हें शुक्रवार को अपना बयान दर्ज कराना है. उच्चतम न्यायालय ने विशेष सीबीआई अदालत से सुनवाई 31 अगस्त तक पूरी करने को कहा है. मामले की रोजाना सुनवाई कर रही विशेष सीबीआई अदालत बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के 32 आरोपियों के इन दिनों बयान दर्ज कर रही है.

बृहस्पतिवार को दर्ज हो सकता है मुरली मनोहर जोशी का बयान

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में विशेष सीबीआई अदालत संभवत: बृहस्पतिवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी का बयान दर्ज करेगी. सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का सीआरपीसी की धारा—313 के तहत बयान दर्ज करने की तारीख 24 जुलाई तय की थी, जबकि, भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी के बयान दर्ज करने की तारीख 23 जुलाई तय की गयी थी.

विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने इन दोनों नेताओं के बयान वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दर्ज किये जाने को कहा था. भाजपा नेता उमा भारती इस महीने व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर हो चुकी हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि उस समय की कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उन्हें इस मामले में फंसाया था.

अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने मस्जिद को ढहाया था. उनका दावा था कि इस स्थान पर भगवान राम का ऐतिहासिक राम मंदिर था. इस बीच, बुधवार को शिवसेना नेता सतीश प्रधान को सीबीआई की अदालत में बयान देने के लिये आना था लेकिन वह कोविड-19 संक्रमित पाये गये थे और पृथक-वास में है.

इसलिये विशेष न्यायाधीश ने प्रधान का बयान रिकार्ड करने की अगली तारीख 28 जुलाई निर्धारित की है. अदालत ने अभियुक्त ओम प्रकाश पांडेय की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है. उनके बारे में 15-16 साल से कुछ पता नही चल रहा है, क्योंकि वह साधू हो गये थे. सीबीआई भी अभी तक उनकी तलाश नही कर सकी है.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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