मध्यप्रदेश में कोवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल में हिस्सा लिये वालंटियर की कथित रूप से मौत मामले में भारत बायोटेक का बयान भी सामने आ चुका है. भारत बायोटेक ने इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया है कि व्यक्ति की मौत कोरोना वैक्सीन के डोज के कारण ही हुई है.
कंपनी की ओर से जारी बयान में बताया गया कि वालंटियर तीसरे चरण के ट्रायल के सभी मानदंडों को पूरा किया था. 7 दिनों के पोस्ट कॉल में कोई प्रभाव भी नहीं पाया गया. उसके सारे रिपोर्ट ठीक थे. कंपनी ने कहा, डोज के 9वें दिन में वालंटियर की मौत, इस बात को बताता है कि यह ट्रायल से जुड़ा मामला नहीं है. गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल द्वारा जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार और भोपाल पुलिस की जांच रिपोर्ट में जो बताया गया है उसके अनुसार व्यक्ति की मौत कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल होने के कारण हुई है. इसके अलावा जांच में जहर भी मौत की वजह बतायी जा रही है.
As per post-mortem report by Gandhi Medical College, Bhopal that the site received from Bhopal Police, the probable cause of death was due to cardiorespiratory failure as a result of suspected poisoning and the case is under police investigation as well: Bharat Biotech https://t.co/u9otZgir0T
— ANI (@ANI) January 9, 2021
स्वास्थ्य मंत्री ने क्या बताया ?
मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी का भी बयान वालंटियर की मौत मामले में आ चुका है. उन्होंने बताया कि टीकाकरण के 30 मिनट के भीतर ही वैक्सीन लेने वाले का प्रभाव दिखाई देने लगता है. उन्होंने बताया, उस वालंटियर में टीकाकरण के 24 और 48 घंटे के बीच भी कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर की बात सामने आयी है.
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क्या है मामला
दरअसल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में 12 दिसंबर को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के तीसरे ट्रायल के दौरान टीका लगवाने वाले 47 वर्षीय वालंटियर की 21 दिसंबर को मौत हो गयी.
मृत व्यक्ति के बेटे ने आरोप लगाया है कि उसके पिता की मौत वैक्सीन के डोज लेने की वजह ये हुई है. बेटे के बयान के अनुसार उसके पिता ने वैक्सीन का डोज लेने के बाद मजदूरी पर जाना बंद कर दिया था. वे कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पाल कर रहे थे.
बेटे के अनुसार उसके पिता की तबीयत 19 दिसंबर के बाद से खराब होने लगी. फिर 21 दिसंबर को मौत हो गयी. उसने बताया कि डोज लेने के बाद अस्पताल से हमेशा फोन आते रहते थे. लेकिन जब मौत हो गयी, तो अस्पताल से कोई भी देखने नहीं आया.
Posted By – Arbind kumar mishra
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