Boycott Turkey: तुर्की ने जिस भारत के पीठ पर घोंपा छुरा, उसने भीषण भूकंप में मसीहा बन की थी मदद
Boycott Turkey: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सोशल मीडिया पर सबसे अधिक चर्चा तुर्की (Turkey) को लेकर हो रही है. भारत में तुर्की और अजरबैजान बॉयकॉट नारे बुलंद हो रहे हैं. पिछले दो दिनों से #BoycottTurkey ट्रेंड कर रहा है. करे भी क्यों न? आखिर तुर्की ने ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ पाकिस्तान का साथ देकर भारत के पीठ पर छुरा घोंपने का काम किया है.
By ArbindKumar Mishra | May 15, 2025 10:37 PM
Boycott Turkey: पाकिस्तान का साथ देकर तुर्की (Turkey) ने भारत से पंगा ले लिया है. उसने ऑपरेशन सिंदूर (operation sindoor) के खिलाफ पाक को नैतिक, कूटनीतिक और सैन्य समर्थन दिया था. साथ ही भारत के ऑपरेशन को पाकिस्तान की संप्रभुता के खिलाफ भी बताया था. तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन, युद्धपोत और सैन्य मदद की, जिसे भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया गया. तुर्की 2 साल पहले भारत की मदद को भूल गया. जब भूकंप की मार से पूरा तुर्की कराह रहा था, तो ऑपरेशन दोस्त चलाकर भारत ने मसीहा का काम किया था. लेकिन उस उपकार का बदला तुर्की ने भारत के पीठ पर छुरा घोंपकर चुकता किया है.
Boycott Turkey: भूकंप से तबाह तुर्की को भारत ने की थी बड़ी मदद, चलाया था ऑपरेशन दोस्त
6 फरवरी 2023 को तुर्की में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. जिसमें 50 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 1 लाख से अधिक लोग घायल हुए थे. इसके अलावा लाखों लोग बेघर हो गए, तो 3 लाख से अधिक इमारत ढह गईं या क्षतिग्रस्त हो गईं. तुर्की जब भूकंप से कराह रहा था, तब सबसे पहले मदद के लिए भारत ने हाथ बढ़ाया. भारत ने 12 घंटों के अंदर राहत सामग्री और बचाव दल को तुर्की में उतार दिया. करीब 7 करोड़ की राहत सामग्री भारत ने भेजी, जिसमें दवाइयां, चिकित्सा उपकरण, भोजन, और टेंट शामिल थे. भारत ने एनडीआरएफ की तीन टीमों को भी तुर्की में तैनात किया. चिकित्सा सेवा के तौर पर भारत ने 60 पैरा फील्ड हॉस्पिटल से 99 सदस्यीय चिकित्सा दल भेजा. भारत ने तुर्की को ड्रोन सहायता भी दी. भारत ने गरुड़ एयरोस्पेस के ड्रोनी ड्रोन और किसान ड्रोन भेजे, जो मलबे में फंसे लोगों का पता लगाने और दवाइयां और भोजन पहुंचाने में मददगार रहे.
Boycott Turkey: तुर्की ने भी माना था भारत ने सबसे पहले मदद की
भीषण भूकंप में भारत की मदद की सराहना खुद तुर्की ने किया था. वहां के राजदूत फिरात सुनेल ने कहा था कि भारत सबसे पहले मदद करने वाले देशों में से एक था. भारत ने तुर्की की मदद के लिए जो ऑपरेशन चलाया था, उसे ऑपरेशन दोस्त का नाम दिया था. तुर्की के राजदूत ने भी भारत को दोस्त कहकर सराहना की थी.