अक्षय तृतीया में पहली बार सर्राफा बाजार रहेगा बंद

देश भर में कोरोना वायरस की महामारी के कारण लॉकडाउन किया गया है. इसका असर बाजार पर साफ नजर आ रहा है. पहली बार कोरोना महामारी से बचाव को देखते हुए लॉकडाउन के कारण अक्षय तृतीया का बाजार नहीं सज पाया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 26, 2020 1:18 AM
an image

देश भर में कोरोना वायरस की महामारी के कारण लॉकडाउन किया गया है. इसका असर बाजार पर साफ नजर आ रहा है. पहली बार कोरोना महामारी से बचाव को देखते हुए लॉकडाउन के कारण अक्षय तृतीया का बाजार नहीं सज पाया. रविवार होने वाले अक्षय तृतीया को लेकर संबंधित कारोबारी व ग्राहक घर से नहीं निकल पायेंगे और संबंधित कारोबार शून्य रहेगा. खासकर सर्राफा कारोबारियों की मानें तो जब बाजार ही बंद है तो ग्राहकों के लिए क्या ऑफर जारी किया जायेगा. पहले कोरोना महामारी को रोकना जरूरी है. जिला स्वर्णकार संघ के पूर्व सचिव विजय साह ने बताया कि पहले लगन का कारोबार डूबा और अब अक्षय तृतीया की बिक्री भी. इसके अलावा रियल इस्टेट, इलेक्ट्रॉनिक, बर्तन, ऑटो मोबाइल के कारोबारी भी स्तब्ध हैं. सरकार की ओर से दो दिन पहले बाजार खोलने की घोषणा से कुछ उम्मीद जगी थी, लेकिन फिर स्थानीय प्रशासन पर यह निर्णय छोड़ दिया गया. इससे उम्मीद पर पानी फिर गया.

इस बार न रियल इस्टेट क्षेत्र में ग्राहकों को लुभाने की तैयारी है, न ही सर्राफा, इलेक्ट्रॉनिक व ऑटो मोबाइल सेक्टर में ऑफर जारी किये गये. साथ ही बुकिंग भी नहीं हो सका. हालांकि भागलपुर में अक्षय तृतीया पर खरीदारी की महानगरीय संस्कृति कम है. अक्षय तृतीया पर दान का महत्व, लॉक डाउन में असहायों के बीच कर सकते हैं दानअक्षय तृतीया का एक और महत्व है कि उस दिन द्रोपदी को भगवान द्वारा अक्षय पात्र मिला था. अक्षय तृतीया को कलश में जल भर कर पंखा, चरण पादूका, छाता, जूता, गौ, भूमि, स्वर्ण पात्र आदि का दान पुण्यकारी माना गया है. इस दान के पीछे लोक आस्था है कि इस तिथि को जिन-जिन वस्तुओं का दान किया जाता है, वैसे वस्तु स्वर्ग में ग्रीष्म ऋतु में उस जातक को प्राप्त होता है. इसी तिथि को भगवान बद्री नारायण के पट खुलते हैं. अक्षय तृतीया के दिन ही वृंदावन में श्री बिहारी जी के चरणों के दर्शन वर्ष में एक बार होते हैं. अक्षय तृतीया के दिन ही रेणुका के गर्भ से भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में अवतार लिया था. अक्षय तृतीया पर जरूरतमंदों के बीच अधिक से अधिक दान कर पुण्य के भागी बन सकते हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version