दिल्ली की हार के बाद संदेह में था नेतृत्व
2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP को बड़ा झटका लगा था. 70 सीटों में से पार्टी केवल 22 सीटें जीत पाई, और 27 साल बाद बीजेपी ने दिल्ली की सत्ता में वापसी करते हुए 48 सीटें अपने नाम कर लीं. हार इतनी बड़ी थी कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया दोनों अपनी-अपनी सीटें हार गए. इसके बाद से पार्टी का नेतृत्व मीडिया और जनता की नजरों से दूरी बनाए हुए है.
गुजरात की विसावदर सीट बनी नई उम्मीद
गुजरात की विसावदर सीट पर AAP के लिए यह उपचुनाव बहुत खास है. 2022 में इस सीट पर पार्टी के भूपेंद्र भाई भायानी जीते थे, लेकिन बाद में वह पार्टी और विधायक पद दोनों से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए. इस बार AAP ने यहां से अपने चर्चित नेता गोपाल इटालिया को उतारा, जिनके प्रचार के लिए खुद केजरीवाल गुजरात पहुंचे. अब इस सीट पर आम आदमी पार्टी को जीत हासिल हुई है.
लुधियाना पश्चिम सीट पर जीती AAP
पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट, जहां AAP के विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के निधन के बाद उपचुनाव हुआ. वहां पार्टी ने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को मैदान में उतारा है. अरोड़ा भाजपा के जीवन गुप्ता और कांग्रेस के भारत भूषण आशु को हरा दिया है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस चुनाव को “विनम्रता बनाम अहंकार” की लड़ाई बताया था.
केजरीवाल की राज्यसभा में एंट्री का रास्ता?
पार्टी सूत्रों के अनुसार, यदि संजीव अरोड़ा लुधियाना से जीतते हैं, तो वह अपनी राज्यसभा सीट छोड़ सकते हैं और उस उपचुनाव में अरविंद केजरीवाल को संसद के उच्च सदन में भेजने की योजना है. यानी यह उपचुनाव न सिर्फ AAP के लिए राजनीतिक वापसी, बल्कि केजरीवाल के लिए नई राजनीतिक भूमिका का दरवाज़ा खोल सकता है.