Cabinet: देश के 100 जिलों में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए पीएम कृषि धन-धान्य योजना को मिली मंजूरी

बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी गयी. योजना देश के 100 जिलों में 6 साल के लिए चलायी जायेगी और यह नीति आयोग के आकांक्षी जिला योजना की सोच पर आधारित है. योजना का मकसद कृषि उत्पादन को बढ़ाना, फसलों के विविधीकरण को बढ़ावा देना, टिकाऊ कृषि विकल्प को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना, ब्लॉक और पंचायत स्तर पर भंडारण सुविधा का विकास करना और सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाना है.

By Anjani Kumar Singh | July 16, 2025 5:51 PM
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Cabinet: देश में कृषि और ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए कैबिनेट ने अहम फैसले को मंजूरी दी है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी गयी. यह योजना देश के 100 जिलों में 6 साल के लिए चलायी जायेगी. यह योजना नीति आयोग के आकांक्षी जिला योजना की सोच पर आधारित है. पहली बार कोई योजना कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र के विकास की दिशा में काम करेगी. योजना का मकसद कृषि उत्पादन बढ़ाना, फसलों के विविधीकरण को बढ़ावा देना, टिकाऊ कृषि विकल्प को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना, ब्लॉक और पंचायत स्तर पर भंडारण सुविधा का विकास करना और सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाना है.

साथ ही किसानों के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक कर्ज सुविधा मुहैया कराना है. यह फैसला केंद्रीय बजट 2025-26 में की गयी घोषणा को ध्यान में रखकर किया गया है. बजट में देश के 100 जिलों का विकास प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत करने की बात कही गयी थी. इस योजना को 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं को समाहित कर लागू किया जाएगा और इसपर लगभग 24 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. राज्य सरकार की योजना के साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी भी सुनिश्चित होगी. 

कैसे होगा जिलों का चयन


इस योजना के लिए जिलों का चयन तीन मानकों के आधार पर होगा. जिन जिलों में कम कृषि उत्पादन, कम फसल साइकिल और कम कर्ज हासिल करने वाले जिलों के आधार पर होगा. हर राज्य से कम से कम एक जिले को इस योजना में शामिल करने का लक्ष्य है. योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कमेटी का गठन होगा. यह कमेटी योजना के क्रियान्वयन की निगरानी करेगी. जिला कृषि एवं कृषि से जुड़े कामकाज की योजना तैयार करने का काम जिला धन-धान्य समिति करेगी. इस समिति में किसानों को भी शामिल किया जायेगा. जिले की योजना राष्ट्रीय स्तर पर तय फसल विविधीकरण के लक्ष्य के ध्यान में रखते हुए बनाया जाना होगा.

ताकि पानी की बचत के साथ मृदा स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाया जा सके. चयनित जिलों में योजना की समीक्षा 117 तय मानक के आधार पर हर महीने किया जायेगा. नीति आयोग भी इस मामले में सहयोग करेगा. साथ ही चयनित हर जिले में केंद्र सरकार की ओर से नोडल ऑफिसर की तैनाती की जाएगी ताकि वे योजना की समीक्षा समय-समय पर कर सकें. सरकार का मानना है कि अगर देश के 100 जिलों में तय लक्ष्य को हासिल कर लिया गया तो देश में कृषि क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी.

इसके साथ ही कैबिनेट ने एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड और इसके अन्य संयुक्त उद्यमों/सहायक कंपनियों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के लिए निवेश हेतु एनटीपीसी लिमिटेड को ज्यादा अधिकार सौंपने को मंजूरी दी. वहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अक्षय ऊर्जा के तीव्र विकास के उद्देश्य से एनएलसीआईएल के लिए निवेश की रियायत को मंजूरी दी.अक्षय ऊर्जा के तीव्र विकास के उद्देश्य से एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) के लिए निवेश की रियायत को मंजूरी दी.

शुभांशु शुक्ला का किया गया अभिनंदन

मंत्रिमंडल ने देश के साथ मिलकर, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटने का अभिनंदन किया. शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 18 दिन का ऐतिहासिक मिशन पूरा कर लौटे है. ये मिशन 25 जून 2025 को लॉन्च हुआ था, जिसमें ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मिशन पायलट के रूप में शामिल हुए. इस मिशन के जरिए पहली बार कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर गया. ये भारत के स्पेस प्रोग्राम का एक नया अध्याय है, जो भारत के स्पेस प्रोग्राम के भविष्य की स्वर्णिम झलक देता है.

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