अफगान में तालिबानी हुकूमत पर सीडीएस बिपिन रावत बोले- भारत किसी भी आतंकी चुनौती से निपटने को तैयार

CDS Bipin Rawat भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के बाद आतंकवाद को बढ़ावा मिलने की संभावना पर बुधवार को बड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, अफगानिस्तान से आने वाली किसी भी समस्या से उसी तरह निपटा जाएगा, जिस तरह हम भारत में आतंकवाद से निपटते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2021 6:58 AM
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CDS Bipin Rawat On Taliban भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के बाद आतंकवाद को बढ़ावा मिलने की संभावना पर बुधवार को बड़ी प्रतिक्रिया दी है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सीडीएस बिपिन रावत ने कहा है कि अगर अफगानिस्तान से कोई भी गतिविधि होती है और उसका प्रभाव भारत के खिलाफ दिखेगा, तो उससे वैसे ही निपटा जाएगा जैसा कि हम अपने देश में आतंकवाद से निपटते हैं.

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में बुधवार को ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के एक कार्यक्रम में सीडीएस बिपिन रावत पहुंचे थे और यहां उन्होंने अफगानिस्तान के हालात पर बात रखी. सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा ने कहा कि जो कुछ भी हुआ है, इसकी उम्मीद की जा रही थी, सिर्फ टाइमलाइन में बदलाव हुआ है. भारत के नजरिए से हमें अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का पूर्वानुमान था. बिपिन रावत ने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा जितनी जल्दी हुआ है, वो चौंकाने वाला है. उन्होंने कहा कि टाइमलाइन ने हमें चौंकाया है, क्योंकि हम लोग ये अनुमान लगा रहे थे कि ये कुछ महीने बाद होगा.

बिपिन रावत ने कहा कि जहां तक अफगानिस्तान का सवाल है, हम ये सुनिश्चित करेंगे कि तालिबान के कब्जे के बाद कोई भी गतिविधि अफगानिस्तान से होती है और भारत की तरफ आती है तो उससे वैसे ही अंदाज में निपटा जाएगा जैसे आतंकवाद से निपटा जाता है. जनरल बिपिन रावत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और अफगान समस्या को अलग-अलग करार देते हुए कहा कि इन दोनों को एक ही चश्मे से देखना ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा कि यह दोनों पूरी तरह अलग-अलग मुद्दे है. हालांकि, ये दोनों मामले क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चुनौती पेश करते हैं. लेकिन, ये दोनों अलग-अलग सतह पर हैं और यह दो समानांतर रेखाएं हैं, जो शायद ही कभी मिलें.

सीडीएस बिपिन रावत ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर सहयोग से आतंकियों की पहचान या आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कुछ खुफिया जानकारी मिले, तो इसका स्वागत होगा. उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन के पास परमाणु हथियार हैं. उन्होंने कहा कि इसीलिए हम अपनी नीतियां लगातार विकसित कर रहे हैं और अपने पड़ोसियों के एजेंडे को समझने की कोशिश में है.

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