MALE Drone: भारत सरकार ने देश की समुद्री और जमीनी सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार ने मीडियम ऑल्टिट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (MALE) ड्रोन की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाते हुए 87 एडवांस ड्रोन स्वदेशी कंपनियों से खरीदने का फैसला किया है.
मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस योजना पर करीब 20,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और यह पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ के तहत होगी. इसका मकसद भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक को बढ़ावा देना और विदेशी कंपनियों पर निर्भरता को कम करना है. यह पहली बार है जब ऐसे हाई-टेक ड्रोन के निर्माण का जिम्मा भारतीय निजी कंपनियों को दिया जा रहा है. इससे पहले भारत इस तरह के ड्रोन इजरायल से खरीदता रहा है.
क्या होंगे इन ड्रोन की खासियतें?
- 30 घंटे से अधिक उड़ान भरने में सक्षम
- 35,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान
- रियल-टाइम निगरानी, टोही और इंटेलिजेंस में उपयोगी
- उन्नत कैमरा और सेंसर टेक्नोलॉजी से लैस
- हर तरह के जमीनी और समुद्री इलाकों में काम करने में सक्षम
- लड़ाकू क्षमताएं भी होंगी शामिल
कम से कम 60% हिस्सा स्वदेशी होना अनिवार्य
इन ड्रोन की मदद से दुश्मन की हर गतिविधि पर दूर से भी नजर रखी जा सकेगी, जिससे पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर सुरक्षा को कई गुना बढ़ाया जा सकेगा. इन ड्रोन्स के शामिल होने से थल सेना, वायुसेना और नौसेना तीनों की निगरानी क्षमताएं और मजबूत होंगी. खासकर वायुसेना को सीमा पर गश्त, निगरानी और रणनीतिक योजना बनाने में बड़ी मदद मिलेगी.
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