नायडू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं और लड़कियों को ‘अंतरराष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस’ की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इन क्षेत्रों में महिलाओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उनके पोस्ट से यह संकेत मिलता है कि इस वर्क फ्रॉम होम सुविधा का लाभ विशेष रूप से तकनीकी, गणित और विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को मिल सकता है.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि COVID-19 महामारी के दौरान कार्य संस्कृति में बड़ा बदलाव आया है और तकनीक ने ‘घर से काम’ करने की अवधारणा को आसान बना दिया है. उन्होंने कहा कि रिमोट वर्क, कोवर्किंग स्पेस (CWS) और नेबरहुड वर्कस्पेस (NWS) जैसी अवधारणाएं व्यवसायों और कर्मचारियों को अधिक लचीला और उत्पादक कार्य वातावरण बनाने में मदद कर सकती हैं.
उन्होंने जोर देकर कहा कि इन पहलों से कार्य-जीवन संतुलन को बेहतर बनाने में सहायता मिलेगी और आंध्र प्रदेश में इस परिवर्तन को अपनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. नायडू ने बताया कि राज्य सरकार आईटी और जीसीसी नीति 4.0 के तहत इस परिवर्तन को बढ़ावा दे रही है. सरकार डेवलपर्स को हर शहर, कस्बे और मंडल में आईटी कार्यालय स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन दे रही है और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए आईटी और जीसीसी फर्मों का समर्थन कर रही है.
इस योजना के माध्यम से महिला कार्यबल की भागीदारी बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है, खासकर वे महिलाएं जो लचीले रिमोट या हाइब्रिड कार्य विकल्पों की तलाश में हैं. वर्तमान में, देशभर में कोई राष्ट्रव्यापी वर्क फ्रॉम होम नीति नहीं है, लेकिन कुछ विशेष कंपनियां और सेक्टर्स अभी भी अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दे रहे हैं. आंध्र प्रदेश सरकार की यह पहल एक बड़ी नीतिगत क्रांति हो सकती है, जिससे महिलाओं को अधिक स्वतंत्रता और कार्य संतुलन मिल सकेगा.
इसे भी पढ़ें: अगले 48 घंटे 7 राज्यों में भारी बारिश-आंधी और तूफान का हाई अलर्ट
इसे भी पढ़ें: आज स्कूल-बैंक और मांस-शराब की दुकानें बंंद, जानें कारण