दिल्ली के स्वास्थ्य ढांचे का इस्तेमाल केवल यहां के निवासियों के लिए हो : कमेटी का सुझाव
दिल्ली सरकार की एक कमेटी ने सुझाव दिया है कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर शहर के स्वास्थ्य ढांचे का इस्तेमाल केवल राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों के उपचार में होना चाहिए. डॉ. महेश वर्मा के नेतृत्व वाली कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें कहा गया है कि अगर दिल्ली का स्वास्थ्य ढांचा बाहर के लोगों के लिए खुला रहा तो तीन दिन में सारे बेड भर जाएंगे.
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केजरीवाल ने भी दिया था संकेत
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कुछ दिनों पहले ही इस बात को लेकर संकेत दे दिये थे कि दिल्ली में बहुत जल्द बाहरी लोगों का इलाज बंद कर दिया जाएगा. केजरीवाल ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि देशभर से लोग इलाज कराने के लिए दिल्ली के अस्पतालों में आते हैं, लेकिन कोरोना संकट में इसी तरह लोग आते रहे तो दिल्ली के लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पाएंगी. इसी बात को लेकर केजरीवाल ने जनता की भी राय मांगी थी.
अनलॉक 1.0 में दिल्ली सरकार ने मेडिकल आपात स्थिति में प्रवेश के लिए दी है छूट
आम आदमी पार्टी की सरकार ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि कोविड-19 लॉकडाउन संबंधी सरकार के दिशा-निर्देश मेडिकल आपात स्थिति (इमरजेंसी) में व्यक्ति को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति देते हैं. उन्हें ई-पास के लिए आवेदन करना होगा जो सरकार उपलब्ध कराएगी और वे राजधानी की सीमा में प्रवेश कर सकेंगे. दिल्ली सरकार ने कहा कि उसके आपदा प्रबंधन प्राधिकार (डीडीएमए) ने ‘अनलॉक 1.0′ के दौरान एक आदेश जारी कर बताया है कि किन गतिविधियों की अनुमति है और किन पर पाबंदी है, उसके दिशा-निर्देश मेडिकल आपात स्थिति में पड़ोसी राज्यों के किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की अनुमति देते हैं.
Posted By : arbind kumar mishra