नयी दिल्ली : देश में 3 मई तक लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी गयी है आज संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि देश में कोरोना की स्थिति क्या है. आंकड़ों की बात करें तो , 1036 लोग ठीक हो चुके हैं. कल एक ही दिन में 179 लोग ठीक हुए.
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अब तक 10363 केस सामने आए हैं. कल एक दिन में 1011 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं . 24 घंटे में 33 लोगों की मौत हुई. कोरोना से कुल 339 लोगों की मौत हुई हैं. अब तक 2 लाख 31 हजार टेस्ट किए गए हैं. कल 21,635 सैंपल टेस्ट किए गए हैं.
गृहमंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने विशेष तौर पर मजदूरों की समस्या निवारण के लिए हेल्पलाइन और समस्या निवारण केंद्र स्थापित किए गए हैं. इसका उद्देश्य पीड़ित मजदूरों को राहत देना.
वित्त मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गयी कि समाज के गरीब लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिलती रहें इसके लिए वित्त मंत्री ने राहत पैकेज का ऐलान किया था. अब तक 32 करोड़ लाभार्थियों को 29352 करोड़ की आर्थिक सहायता दी गई है.
लोगों को बैंक में जाये बिना मदद मिले इस तरफ भी कोशिश की गयी है. घनी आबादी वाले इलाके में कोविड को बढ़ने से रोकने के लिए एक गाइडलाइन जारी की गयी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री जनधन योजना और रोजगारी गारंटी योजना के तहत बिना बैंक में जाए धनराशि दी जाए, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं और कर्मचारी सेवा दे रहे . आज पीएम मोदी ने कहा है कि भीमराव अबेंडकर सच्ची श्रद्धांजलि दी है. पीएम मोदी ने बताया कि हमने वायरस के फैलने का इंतजार नहीं किया.
हर जिले हर इलाके की जांच होगी. यदि लॉकडाउन का पालन नहीं हुआ तो जो छूट दी जायेगी उसे वापस भी ली जा सकती है.पीएम मोदी ने सात चीजों में समर्थन की अपील की है. सभी से आरोग्य सेतू मोबाइल एप डाउनलोड करने का आग्रह किया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कुछ सवाल किये गये जिसमें पूछा गया कि मरने वालों की संख्या में युवा कितने हैं, यह देखा जा रहा है कि युवा भी इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं.
इस सवाल का जवाब देते हुए संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, हमने देखा है कि युवा भी इस वायरस की चपेट में हैं लेकिन उनके स्वस्थ होने का दर भी अच्छा है. मरने वालों में वृद्ध अधिक है उनका विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.
21 दिनों के लॉकडाउन में मेडिकल तर्क दिया गया था. क्या नये लॉकडाउन का भी कोई तर्क है ? टेस्ट की संख्या कम है क्या इस तरफ भी आपलोग ध्यान दे रहे हैं ?
इस सवाल पर कहा गया है कि हम यह मानते है कि 25 दिनों अगर कहीं वायरस नहीं है तो यह सेफ है.अगर किसी को भी लगता है कि टेस्ट कराने की जरूरत है तो वह आकर टेस्ट करा सकता है. हमने समय रहते ही तैयारी कर ली थी हम आज भी संदिग्ध लोगों को इलाकों को टेस्ट कर रहे हैं. हम दायरा बढ़ा रहे हैं. टेस्टिंग उसकी होनी चाहिए जिसे जरूरत है.
प्रधानमंत्री ने कहा है जिले- जिले को टेस्ट करेंगे, यह कैसे होगा, एमएचए गाइडलाइन जारी कर रहा है ऐसे कौन से राज्य है जो इसे फॉलो नहीं कर रहे ?
प्रधानमंत्री ने जो कहा है इस संबंध में गाइडलाइन कल जारी की जायेगी. गाइडलान को एमएचए बदलती रहती है अगर कोई बदलाव जरूरी होता है तो हम राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से संपर्क में रहते हैं.
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